सेवानिवृत्त पूर्वाध्यक्ष
डी.ए.वी. कॉलेज, नकोदर (पंजाब)
प्रकाशन:
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कीड़े (कविता-संग्रह) 1968
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वक़्त की साज़िश के ख़िलाफ़
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बहुत कुछ अतिरिक्त (लम्बी कविता), 1975
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आदमी ज़िंदा है (कविता-संग्रह) 1988
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कितना अंधेरा है (पाँच लंबी कविताएँ) 1989
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बरगद को कटते हुए देखना (कविता-संग्रह), 1997
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पंजाब की आधुनिक हिंदी कविता 2002
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रक्तबीज आदमी है 1988
अनुवाद: गुरु गोविंदसिंह, शहीद सरदार भगत सिंह,
संपादन: फिर, रिजू, जितने रास्ते में, फिर ज्योति, लायन मिरर, संदीपिका, ब्यास, घरघर, भारतयुग, जनश्री; अश्क के उपन्यासों में मध्यवर्गीय चेतना (आलोचना)
लेखक की कृतियाँ
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