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डॉ. सोमदत्त काशीनाथ

 

डॉ. सोमदत्त कीशीनाथ का जन्म एक ग़रीब परिवार में हुआ था। आप पाँच बच्चों वाले परिवार में ज्येष्ठ हैं। मज़दूर पिता और निरंतर प्रेरणा देने वाली आपकी दादी ने आपको शिक्षा और संस्कारों से विभूषित किया, जिनके प्रति आप सदैव कृतज्ञ रहेंगे। आप का हिंदी भाषा तथा साहित्य के प्रति विशेष लगाव माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दिनों में ही उत्पन्न होने लगा था। विज्ञान के विषयों का अध्ययन करने के साथ-साथ आपने हिंदी तथा भारतीय दर्शन जैसे विषयों का भी चयन किया और परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए। आप जिस माध्यमिक स्कूल (सेंट मेरीज़ कॉलेज) में थे वहाँ एच.एसी.सी. के स्तर पर हिंदी की पढ़ाई नहीं होती थी। आपकी और आपकी अध्यापिका की माँग पर आपके कॉलेज के प्रिंसिपल ने कॉलेज में हिंदी और हिंदुइज़्म की पढ़ाई की अनुमति दी। एच.एसी.सी. में हिंदी में प्रथम आने पर आपको बी.ए. की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिली। आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से, बी.ए. हिंदी पूरी करने के बाद 2002 में प्राथमिक स्तर पर हिंदी अध्यापक के रूप में काम करना रंभ किया। 2015 में आपने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एम.ए. हिंदी की परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया। 2018 में आपने जे.एस. विश्वविद्यालय, शिकोहाबाद से पीएच.डी. का शोध पूरा करके डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की। आप विविध हिंदी संस्थाओं के सदस्य हैं और वाकोआ सांस्कृतिक सभा में आप अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। आप मॉरीशसीय हिंदी साहित्यकारों को समर्पित मंच—‘साहित्य मंच’ के सदस्य भी हैं। आप विश्व हिंदी सचिवालय में अल्पकाल के लिए अनुसंधान एवं विकास सहायक के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। 

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