अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

किसान नंबर वन?

बिग बी दानवीर बनने चले पर ऐसी माया बरपी कि दान करने का ख्याल ही मन से जाता रहा। कोशिश तो बहुत की पर हल न चल पाया। जो जमीन उनकी थी ही नहीं उस पर दान का हल कैसे चलायेंगे? अब तो सीरीयल केबीके का प्रसारण ही हो सकता है कौन बनेगा किसान? रील और रियल लाईफ की रियलिटी बिग बी की समझ में नहीं आ पाई।

बिग बी रील लाईफ में ’विजय‘ नामक पात्र निबाहकर विजयश्री का वरण करते-करते ख्वाबों ख्यालों में इस तरह डूबे कि सच्चाई से नाता ही तोड़ दिया। किसान का रोल वे सच्चाई में नहीं करना चाहते थे इसमें भी सिर्फ कमाई की चाह कुलांचे मार रही थी।

उपकार फिल्म में मनोज कुमार ने ’मेरे देश की धरती गाकर सोना उगले‘ गाकर  अपना और ’भारत‘ का खूब नाम बुलंद किया। पर कभी जमीन के लालच में किसान बनने का दावा नहीं किया।

पर बिग बी उर्फ ’विजय‘ का किस्सा अद्भुत है। हमारे शहंशाह ने कभी परदे पर भी हल नहीं चलाया पर फिर भी किसान नंबर वन की पदवी के हकदार बनने के लिए डटे हुए हैं और खबर मिली है कि बिग बी केबीके सीरीयल के निर्माण में घनघोर रूप से बिजी हैं और जिन फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं अथवा करवा रहे हैं उनमें वे उन किसान भाईयों को, जिनकी उन्होंने जमीन हथियाई है, खेती के नवीनतम तरीके सिखला रहे हैं।

बिग बी की शीघ्र ही फलोर पर जाने वाली फिल्मों के टाईटल्स की बानगी देखिये - किसान, मैं हूँ किसान, किसान का बेटा, किसान नंबर १, किसान और किसान, किसान का किस, किस्सा किसान का - इन सभी फिल्मों में अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन प्रमुख भूमिकाओं में नजर आयेंगे। इन फिल्मों को डिफरेंट लुक देने के लिए इसमें बतौर हीरोईनी १६ की भी नहीं ८ - ८ साल की दो कन्याओं को लिया जायेगा।  पाठक अनुमान लगा सकते हैं कि इनमें से किसान का किस, किसान नंबर वन और किस्सा किसान का फिल्में खूब धमाल मचायेंगी।

इन फिल्मों में वे कम्प्यूटर कमांडों का बड़े ही दमदार तरीके से उपयोग कर रहे हैं। किसी के भी बीजों को कापी करके अपनी जमीन पर पेस्ट करके पैदावार बढ़ा रहे हैं। फलों और सब्जियों के भंडार के भंडार कापी, एडिट और पेस्ट स्पेशल करके, उनकी खामियों को डिलीट कर, एक से एक उम्दा रूप में अवेलेबल करवा रहे हैं। और तो और इंटरनेट पर वे विश्व के किसानों से चैटिंग करके स्वयं को भारतवर्ष का किसान नंबर वन साबित करने में दीवानों की तरह जुट गये हैं  वो अलग बात है कि अब उम्र साथ नहीं दे रही और उनके हाथ पैर फूल रहे हैं और सांसें धौंकनी की तरह चल रही हैं।

इसमें नायिका की भूमिका के लिए खलनायिका स्टाइल की अभिनेत्री की तलाश जारी है। जो टुनटुन और ललिता पवार का शारीरिक और चारित्रिक संगम हो, जिससे फिल्म में जीवंतता आ सके। इस अभिनेत्री का इसमें आइटम सांग भी रखा जायेगा। फिल्मों को किसानी टच देने के लिए मक्का, सरसों, गन्ने इत्यादि बोने की विधियों का शुमार किया जायेगा और इन खेतों की उपयोगिता बतलाई जायेगी। किसानी सब्जेक्ट पर थीम सांग की रचना ए आर रहमान से कराई जायेगी, मेंहदी पर एक पंजाबी गीत लिखने के लिए दलेर मेंहदी को अनुबंधित किया गया है। फिल्म को सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, आस्कर में जिताने का फर्जीवाड़ा तैयार करने के लिए एक डॉन को अनुबंधित किया गया है। डॉन के नाम का खुलासा तो किया नहीं जा सकता है।

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'हैप्पी बर्थ डे'
|

"बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का …

60 साल का नौजवान
|

रामावतर और मैं लगभग एक ही उम्र के थे। मैंने…

 (ब)जट : यमला पगला दीवाना
|

प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता…

 एनजीओ का शौक़
|

इस समय दीन-दुनिया में एक शौक़ चल रहा है,…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं