मास्टर श्यामलाल
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता अभिषेक कुमार 'अम्बर'31 Mar 2017
हमारे मास्टर श्यामलाल,
करा रहे थे गणित के सवाल।
मास्टर जी ने दो सवाल कराये
और ऐंठ गए।
वापस आ कुर्सी पर बैठ गए।
उन्हीं के पास में बैठे थे
मास्टर सिंधी,
बच्चों को पढ़ाते थे हिंदी।
ब्लैक बोर्ड को देखते हौल-हौले,
फिर श्यामलाल से बोले।
आपने पाँच मिनट में
सब पढ़ा दिया
ये देख मैं चौंकता हूँ,
मैं तो पूरे पीरियड में
एक पाठ नहीं पढ़ा पाता
जबकि कुत्तों की
तरह भौंकता हूँ।
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Gurmeet Singh 2019/11/22 09:06 AM
गलत व्यंग्य। कभी गणित पढ़ा कर देखिए जनाब, नानी याद आ जाएगी।