अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

नैनो है गुणकारी कार

नई दुनिया के कार्टूनकार कीर्तिश भट्ट के निराले कार्टूनों ने सबसे अधिक एवरेज दी है। बिना इंधन के दिलों में जा बसे हैं। टाटा की लखटकिया कार नैनो के करोड़ों दीवाने राजधानी के प्रगति मैदान ऑटो एक्सपो में पिछले दिनों सुर्खियों में छाए रहे। इस समय कीर्तिश भट्ट के कार्टून सुर्खियों में हैं। इससे कहीं अधिक सुदूर दूर घरों में अपने घर में नैनों की खबरों का मजा लेते रहे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नैनो की दीवानगी का आलम यह है कि कई तो इस एक लाख की कार को ओपनिंग के वक्त एक लाख से अधिक तक में खरीदने के भी उत्सुक रहे। इसका कारण वे गुण नहीं हैं, जो बतलाए गए, बल्कि वे हैं जो बतलाए ही नहीं गए। अगर वे गुण बतला दिए गए होते तो कार जगत में भयंकर क्रांति आ जाती। चलिए नैनों के इन्हीं छिपे गुणों की महिमा को उजागर किए देते हैं।

बतलाया गया है कि कार एक लीटर पैट्रोल से २०-२५ किलोमीटर चलती है जबकि उसमें एक ऐसा बटन मुहैया कराया गया है कि पहले एक किलोमीटर पैट्रोल से चलने के बाद कार साँस लेने लगती है। अरे दम नहीं फूलता है, मतलब हवा से चलती है। इससे पैट्रोल की खपत खत्म और ईंधन के रूप में हवा का उपयोग चालू। एक व्यक्ति के पूरे दिन के भोजन से भी कम पैट्रोल की खुराक। इसकी इसी क्वालिटी के कारण न तो इसका डीजल वर्जन और न ही सीएनजी वर्जन लाने की जरूरत होगी। नैचुरल गैस भी जमीन के अंदर से निकाली जाती है जबकि हवा ? क्या अब भी बतलाने की जरूरत है। अभी तक तो मुफत अवेलेबल है।

पाँच करोड़ की संभावित उड़ने वाली कार इसका क्या खाक मुकाबला करेगी, उड़ेगी तो यह भी परंतु सड़क से सिर्फ २ से ३ इंच ऊपर। जिससे न तो टायर घिसेंगे, न ही पैंचर होगा और न ही इस पर सवारी करने वालों को कोई झटके ही लगेंगे। बल्कि हिल वे जायेंगे जो इसे चलता देख रहे होंगे, वे सोचेंगे कि हाय ! यह अद्‌भुत कार हमने पहले ही क्यों नहीं ले ली ?

कारों के इंजन को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कूलेंट की जगह इसमें सिर्फ फिल्टर किया हुआ पानी ही डालना होगा। उल्लेखनीय है कि कूलेंट की कीमत १५० से २०० रुपये प्रति लीटर है जबकि बोतलबंद फिल्टर पानी सिर्फ १० रुपये में एक लीटर। यानी दो कप चाय की जगह एक बोतल पानी सप्ताह भर के लिए काफी होगा। इस कार में ए सी की जरूरत नहीं होगी। इसमें लगाई गई अत्याधुनिक तकनीक के जरिए इस कार के सभी शीशे बंद करने पर अंदर का तापमान मनुष्य के शरीर की आवश्यकता के अनुसार स्वयंमेव एडजस्ट हो जाया करेगा। बाहर गर्मी तो अंदर ठंडा और बाहर ठंडा तो अंदर गर्म। मालिक के पैसे बचाने का निभाएगी धर्म।

पार्किंग की समस्या से इस कार को नहीं जूझना होगा क्योंकि इसमें दिए गए एक बटन और छत पर लगे पाँच प्वाइंट्स की बदौलत एक कार के ऊपर पाँच कारें तक खड़ी की जा सकेंगी। इसकी बैलेंसिंग व्यवस्था इतनी दुरुस्त बनाई गई है जिससे एक कार की जगह में पाँच कारें समा सकेंगी। इसे एक के ऊपर एक चढ़ाने के लिए क्रेन जैसी एक क्रेन लेनी होगी। जिसके जरिए कार के ऊपर कार पार्क करने में कोई परेशानी नहीं होगी। जिन लोगों ने हवाई जहाज से यात्रा की है, वे इस थ्योरी को आसानी से समझ सकते हैं। क्रेन एक मोहल्ले के लिए एक ही ली जा सकती है। कार चोरों से सुरक्षा के लिए आप अपनी क्रेन को किसी गैराज के अंदर बंद करके रखेंगे तो कार चोर एक साथ पाँच कारें किसी भी जन्म में चुरा नहीं पायेगा। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पाँचों कारों को लोहे की एक जंजीर से बाँधा जा सकता है। वैसे चोर को देखकर नैनो अपने नयन मटका मटका कर कारचोर की सूचना संबंधित थाने और अपने मालिक को दे देगी। आखिर ई इंटरनेट का ज़माना है।

वरना तो हाल ये है कि पिछ्ले दिनों मुंबई में एक व्यक्ति ने कार तो चार लाख रुपये की खरीदी और उसकी पार्किंग के लिए ३४ लाख रुपये चुकाये। ऐसा अद्‌भुत मल्टीलेबल पार्किंग सिस्टम इस कार के जरिए भारत में पहली बर लांच हो रहा है। चार दुपहिया की जगह में एक कार और उसके ऊपर चार कार। चार दुपहिया की पार्किंग में पाँच कार तो एक कार के लिए पार्किंग स्पेस एक दुपहिया से भी कम औसत आयेगा। यह कार ट्रैफिक सिग्नल न होने पर स्वयंमेव रुक जाया करेगी फिर चाहे इसका चालक चाहे कितने ही कोड़े फटकार ले, यह टस से मस नहीं होगी और सिग्नल क्लियर होने पर स्वयंमेव चल पड़ेगी। ट्रैफिक सेंस में कमी वाले इंसानों के लिए यह एक वरदान से कम नहीं होगी जिससे इसकी वजह से रोड रैज जैसी घटनाएँ बीते जमाने की बातें हो जायेंगी। इसके इसी गुण की वजह से ट्रैफिक पुलिस का काम भी नहीं बढ़ेगा। जबकि यातायात संभालने से अधिक वे जेब भरने में मशगूल रहते हैं।

इंजन में हुई किसी अंदरुनी खराबी के बाद भी यह कार २० किलोमीटर तक खुद चलने के उत्तम गुणों से युक्त होगी जिससे सर्विस सेंटर तक जाने के लिए भी इसे ढोकर नहीं ले जाना पड़ेगा। खुदा न खास्ता अगर सर्विस सेंटर २० किलोमीटर से ज्यादा दूर है तो सिर्फ एक आदमी धक्का देकर इसे ५ किलोमीटर तक ले जा सकेगा और २ आदमी १५ किलोमीटर। ३ से अधिक व्यक्ति इसे धक्का नहीं दे पायेंगे और कार में चालक के सिवाय होंगे भी सिर्फ तीन। इस तरह से इसे २५ किलोमीटर तक ले जाया जा सकेगा।

इतने अधिक विलक्षण गुणों की धनी होने के कारण कोई आश्चर्य नहीं कि ’जितने मेंबर उतनी कार‘ जैसा एक नया स्लोगन अस्तित्व में आ जाये। इससे भारत का रुतबा पूरे विश्व में बढ़ जाएगा। पहले ही ’जितने मेंबर उतने मोबाइल‘ की ओर देश काफी स्पीड से बढ़ रहा है। नैनो ने कार्टून जगत में धमाल मचा दिया है। कार जगत में कमाल कर दिया है। असली नजारा तो तब नजर आएगा जब यह मदमाती इठलाती राजधानी की सड़कों पर ठाठें मारती घूमेगी।


 

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'हैप्पी बर्थ डे'
|

"बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का …

60 साल का नौजवान
|

रामावतर और मैं लगभग एक ही उम्र के थे। मैंने…

 (ब)जट : यमला पगला दीवाना
|

प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता…

 एनजीओ का शौक़
|

इस समय दीन-दुनिया में एक शौक़ चल रहा है,…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं