गुरूग्राम (हरियाणा)
सम्प्रति: तीस वर्ष तक एन.टी.पी.सी , एक नवरत्न उपक्रम में वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ के पद पर रहे। 2015 में रिटायर होने पर कुछ वर्ष हरिद्वार के चैरिटेबल चिकित्साल्य में अपनी सेवाएं दीं। आजकल नारनौल में कार्यरत हैं।
रुचि: हिंदी तथा अंग्रेज़ी में काव्य लेखन में रुचि तथा समसामयिक विषयों पर लिखना पसन्द।
प्रकाशन: दो एकल काव्य संकलन तथा चार साझा काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं. समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में रचनाएं छपी एवम् सम्मानित हुई हैं
लेखक की कृतियाँ
कविता
नज़्म
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं