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साहित्य सरोकारों और सम्वेदनाओं को आवाज़ देता है- आशुतोष राना

डॉ. सुशील शर्मा की चार पुस्तकें विमोचित

 

गाडरवारा स्थानीय महाराणा प्रताप वार्ड शांति नगर में परम पूज्य पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी की कृपा से नगर के साहित्यकार डॉ. सुशील शर्मा की चार कृतियाँ मन वीणा, स्वप्न झरे फूल से, शब्दनाद, गुलटटा विलटटा का विमोचन किया गया। प्रथम अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के तैल चित्र के समक्ष पूजा अर्चना की गई। इस अवसर फ़िल्म स्टार आशुतोष राणा ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य और शब्दकोश में अंतर होता है। शब्दकोश शब्दों के अर्थ बताता है, जबकि साहित्य मनोभावों को प्रगट करता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, कुशलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ. सुशील शर्मा की रचनाओं में वेदना और संवेदना दोनों दिखाई देती हैं। उन्होंने जन मानस के सांस्कृतिक विरासत और परम्पराओं से दूर होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज घरों से तुलसी कोट गायब हो रहे हैं और उनकी जगह नागफनी के गमलों ने‌ ले ली है। तेंदूखेड़ा विधानसभा के विधायक संजय शर्मा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा जिस तरह आशुतोष राणा ने इस ज़िले का नाम पूरे देश में रौशन किया है, उसी तरह डॉ. सुशील शर्मा की रचनाएँ साहित्य में अपना मुक़ाम बनाएँ। शिक्षक नगेन्द्र त्रिपाठी ने चारों पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की। गाडरवारा की पूर्व विधायक साधना स्थापक ने कहा कि डॉ. सुशील शर्मा ने साहित्य का जो दीपक जलाया है उसका उजियारा समाज के कोने-कोने में फैले। साहित्यकार डॉ. सुशील शर्मा ने कहा कि उन्होंने साहित्य के माध्यम से उन आवाज़ों को लिखा है जो दबी हुई हैं। मैंने प्रयास किया है मेरी लेखनी आदमी के मन को स्पर्श करे। उन्होंने कहा कि इतने बड़े फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने मुझे जो सम्मान दिया मैं ज़िंदगी भर नहीं भूल सकता। कृतियों के प्रकाशक राजू अरोड़ा ने कहा की दद्दा जी की असीम कृपा से मुझे गुरु भाई के रूप में आशुतोष राणा मिले, राणा जी के साहित्य रामराज्य ने पूरे देश में अलग मुक़ाम बनाया है। इस कार्यक्रम की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कपिल साहू ने कहा की राणा का साहित्य से काफ़ी लगाव है; उनके सत्संग से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम में जबलपुर एसटीएफ पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी भी उपस्थित थे। मंचासीन अतिथियों का राहुल मिश्रा, अनुपम ढिमोले, राजेश गुप्ता, प्रशांत कौरव, महेश अध्रुज आदि ने स्वागत किया। कृतियों के विमोचन कार्यक्रम के दूसरे चरण में काव्य पाठ की प्रस्तुति की गई, जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार कुशलेंद्र श्रीवास्तव ने अपनी व्यंग्य रचना, फ़िल्म स्टार आशुतोष राणा ने कली और कल्की के संवाद से जुड़ी अपनी प्रसिद्ध कविता का पाठ किया। डॉ. सुशील शर्मा ने अपने गीतों के माध्यम से अभिव्यक्ति दी। इस अवसर पर कवि विजय नामदेव, वेणी शंकर पटेल, पोषराज मेहरा, प्रशांत कौरव, मुकेश ठाकुर, एनपी साहू ने भी काव्य पाठ किया कार्यक्रम के पूर्व क्षेत्रीय विधायक श्रीमती सुनीता पटेल ने आशुतोष राणा के निवास स्थान पहुँचकर उनसे सौजन्य भेंट की एवम डॉ सुशील शर्मा को बधाई दी साथ ही उपस्थित साहित्यकारों की लेखनी की प्रशंसा की। आदर्श स्कूल परिवार एवं मुकेश बसेड़िया द्वारा डॉक्टर सुशील शर्मा का शाल, श्रीफल एवं माँ नर्मदा का तैल चित्र भेंट कर सम्मान किया गया। देर रात तक काव्य संगोष्ठी का भरपूर आनंद उपस्थित जनों ने लिया अंत में आभार प्रदर्शन कीर्तिराज लूनावत ने किया।
 

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