चिड़ियाँ और चन्द्रमा
बाल साहित्य | बाल साहित्य लघुकथा डॉ. संगीता सिंह1 Oct 2023 (अंक: 238, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
चित्रकार: कु.अदिति सिंह
कक्षा: 3, सेंट जोसेफ्स को-एड स्कूल, भोपाल (मध्यप्रदेश)
छुटकी बोली, “भैया! देखो, चन्दा मामा भी आ गए पर माँ तो अभी तक नहीं आईं?”
बड़कू ने कहा, “मैं भी यही सोच रहा था, छुटकी . . .। पर चिंता न कर; माँ बहुत होशियार हैं और बहादुर भी। कोई बाधा उन्हें रोक नहीं सकती। बस आती ही होंगीं।”
बड़े भैया की बात से छुटकी जी सन्तुष्ट हो गईं। अब भाई-बहिन शांत मन से प्रतीक्षा करने लगे, माँ के आने की।
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