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आलोक शर्मा

जन्मभूमि जयपुर और कर्मभूमि शारजाह के आलोक कुमार शर्मा संगीत, दर्शन, आध्यात्म और बाल-विकास के विषयों पर लेखन में रुचि रखते हैं। आप भारत, यूरोप और अमेरिका की विभिन्न संस्थाओं से भाषण-कला, नेतृत्व कौशल, संगीत और नाटक के प्रशिक्षक के रूप में अनुमोदित हैं। आपके निर्देशित नाटकों में से पन्नाधाय और अभिज्ञान शकुंतलम का मंचन दुबई स्थित भारतीय कोंसलावास में स्त्री-सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत हो चुका है। 

आलोक कुमार शर्मा ने हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करते हुए अपने भावों को रचनाओं में अभिव्यक्त करना 2022 से प्रारम्भ किया है। हिंदी साहित्य में रुचि के चलते आपने 50 वर्ष की आयु में हिंदी विषय में स्नातकोत्तर कक्षा में दाख़िला लिया है। आपकी रचनाएँ ससम्मान प्रकाशित हुई हैं। आपने बालकों में हिंदी के प्रति प्रेम जगाने का भरपूर कार्य किया है जो सराहनीय व अनुकरणीय है। 

आप हिंदी भाषा और ललित कलाओं के संगम के नवाचार के रूप में ‘अनुशीलन’ कार्यक्रम का मासिक आयोजन करते हैं। अब तक इसकी 3 गोष्ठियाँ सम्पन्न हो चुकी हैं। 

 

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