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बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर

बैरोनेस (उषा) पाराशर

लॉर्ड मेघनाद देसाई

अनीता आनन्द

डॉ. पॉल फ़्लैदर

डॉ. पद्मेश गुप्त

दिव्या माथुर

बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित

 

लंदन, 19 फरवरी 2024: साहित्यिक और सांस्कृतिक मंच ‘वातायन-यूके’ द्वारा दिनांक: 17-02-2024 को आयोजित 166 वीं संगोष्ठी में बैरोनेस (श्रीला) फ़्लैदर की दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वास्तव में, श्रीला फ़्लैदर अंतरराष्ट्रीय ख्याति की एक महत्त्वपूर्ण महिला थीं। वे वर्ष 2004 में स्थापित ‘वातायन-यूके’ की आरंभ से ही संरक्षक थीं। उल्लेख्य है कि उनकी महान उपलब्धियों पर विशद चर्चा करने के लिए ‘वातायन-यूके’ द्वारा उनके 90वें जन्मदिन के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही थी; किंतु प्रारब्ध को यह मंज़ूर नहीं था और वे इसी 6 फरवरी को गोलोकवास कर गईं।

बैरोनेस एक ब्रिटिश-भारतीय राजनीतिज्ञ और शिक्षिका थीं, जिन्हें 2009 में प्रवासी भारतीय सम्मान भी मिला था। उन्होंने उन एशियाई लोगों के लिए ‘मेमोरियल गेट्स’ के निर्माण में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था, जिन्होंने दो ऐतिहासिक विश्व युद्धों में अंग्रेज़ों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी। इसके अलावा, वे ब्रिटिश संसद में अल्पसंख्यक समुदाय की ऐसी पहली सदस्य थीं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कड़ी मेहनत की थीं। वे अत्यंत सादा जीवन व्यतीत करती थीं और हमेशा भारतीय संस्कृति की प्रतीक ‘साड़ी’ पहना करती थीं।

डॉ. पद्मेश गुप्त और दिव्या माथुर ने वातायन की ओर से बैरोनेस फ़्लैदर के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे विपरीत परिस्थितियों में उनसे सदैव प्रेरणा लेते रहे हैं। उनके अतुलनीय सहयोग को वे सदैव याद रखेंगे; ऐसे अवसर भी आए जबकि उन्होंने अपनी अनुपस्थिति में उन्हें हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में वातायन के कार्यक्रमों को जारी रखने की व्यवस्था करके उन्हें अनुगृहीत किया। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, जबकि वे हमारे कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकीं, तो भी वे फोन के माध्यम से संपर्क में बनी रहती थीं; वे नेहरू सेंटर में रुकती थीं और उन्हें दोपहर के भोजन के लिए बाहर ले जाती थीं तथा हाउस ऑफ लॉर्ड्स की कैंटीन में उन सबका आवभगत किया करती थीं।

रेडियो और टेलीविजन पर कार्यक्रम-प्रस्तोता एवं पत्रकार और लेखिका, अनीता आनंद ने कहा कि वे श्रीला फ़्लैदर को साड़ी के पोशाक में देखकर बहुत प्रभावित होती थीं। वे उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का आजीवन कायल रही हैं तथा भविष्य में वे महिला सशक्तिकरण से संबद्ध उनके समर्पित कार्यों से सदैव प्रेरणा लेती रहेंगी। 

डॉ. पॉल फ़्लैदर ने अपने बचपन की स्मृतियों को तरोताज़ा करते हुए बताया कि वे उनके साथ जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों और सुख-दु:ख के पलों को सदैव अपनी स्मृतियों में संजोकर रखेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीला फ़्लैदर के प्रभावशाली व्यक्तित्व ने सभी वर्ग के लोगों को आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित किया है। ब्रिटेन में भारतीय राजदूत के रूप में लेडी श्रीला एक समर्पित वकील और एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थीं। उनका व्यक्तित्व आत्मविश्वास से संपृक्त था। उनके पास सशक्त रूप से विचारवान मस्तिष्क था जबकि वे मनोविनोद में भी गहरी दिलचस्पी रखती थीं। इसके अलावा, वे स्वभाव से साहसी थीं और लोगों के साथ अत्यंत मित्रवत रहती थीं।

लॉर्ड मेघनाद देसाई ने बैरोनेस फ़्लैदर के प्रभावशाली व्यक्तित्व को याद करते हुए और उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि वे असाधारण रूप से एक साहसिक महिला थीं; किंतु यह अत्यंत विषादजनक है कि उनकी उपलब्धियों को अपेक्षित महत्व नहीं दिया गया।

बैरोनेस (उषा) पाराशर उनकी स्मृतियों को ध्यान में लाते हुए अत्यंत भावुक हो उठीं; उन्होंने कहा कि श्रीला एक अदम्य व्यक्तित्व की धनी महिला थीं। उन्होंने अन्य वक्ताओं के स्वर में स्वर मिलाते हुए कहा कि कि श्रीला फ़्लैदर, हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारतीय पार्षद बनने वाली प्रथम महिला थीं। उन्होंने उनके अद्भुत व्यक्तित्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी महान शख़्सियत हम सभी के लिए सतत प्रेरणा की स्रोत बनी रहेंगी।

लॉर्ड (भीखू) पारीख एवं नेहरू सेंटर-लंदन की पूर्व-निदेशक मोनिका कपिल मोहता सहित दुनियाभर के अनेक विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने श्रीला फ़्लैदर की दिवंगत आत्मा के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उल्लेखनीय है कि श्रीला फ़्लैदर ‘वातायन-यूके’ के ट्रैक रिकॉर्ड से प्रभावित होकर, सहर्ष इसकी संरक्षक बन गई थीं जो इस संस्था के लिए गौरव की बात थी। ‘वातायन-यूके’ की चेयरपर्सन मीरा मिश्रा-कौशिक समेत इसके कई सदस्यों नामत: डॉ. जयशंकर यादव, अरुणा सभरवाल, अनूप भार्गव, मंजू शाह, आशीष रंजन और, नामत: शिखा वार्ष्णेय, अंतरीपा ठाकुर-मुखर्जी, आस्था देव, मधु चौरसिया, मंजू शाह आदि ने भी श्रीला फैदर के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलियाँ व्यक्त कीं। कार्यक्रम का समापन करते हुए, डॉ. पद्मेश गुप्त ने प्रतिभागी वक्ताओं के साथ-साथ दर्शकों को महान व्यक्तित्व बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर के बारे में अपने-अपने अमूल्य विचार साझा करने के लिए धन्यवाद दिया।

(प्रेस रिपोर्ट: डॉ. मनोज मोक्षेंद्र)

बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित

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