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डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

 

ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज़ में आयोजित सम्मान समारोह में डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा को उनकी हिंदी सेवाओं के लिए भारतीय दूतावास, ताशकंद द्वारा “अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान 2025” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उज़्बेकिस्तान में भारतीय राजदूतावास के सेकेंड सेक्रेटरी एम. श्रीनिवासन द्वारा प्रदान किया गया। विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम की शृंखला में भारतीय दूतावास के सौजन्य से यह कार्यक्रम 16 जनवरी को आयोजित किया गया। डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा विगत एक वर्ष से भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद (ICCR) के हिंदी चेयर पर विज़िटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज़ में कार्यरत हैं। यहाँ कार्यरत रहते हुए आप ने कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अकादमिक कार्यक्रमों का सफलता पूर्वक आयोजन किया। उज़्बेकिस्तान में हिंदी बोलियों से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण शोध कार्य भी आप यहाँ के ‘लोले समुदाय’ के संदर्भ में कर रहे हैं। उज़्बेकिस्तान में हिंदी की दशा और दिशा तथा राज कपूर शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में राज कपूर पर एक अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद का भी आपने सफलतापूर्वक आयोजन किया। उज़्बेकिस्तान और भारत को लेकर आप के कुछ शोध आलेख गगनांचल और प्रवासी जगत जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। डाॅ. मनीष कुमार मिश्रा द्वारा संपादित लगभग 30 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आप के दो कविता संग्रह, एक ग़ज़ल संग्रह और एक कहानी संग्रह भी प्रकाशित हो चुके हैं। आप के कविता संग्रह पर आप को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा संत नामदेव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

डॉ. मनीष मिश्रा को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान

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