अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

शिप्रस स्कूल में हुआ अभिव्यक्ति का आयोजन: 2023

90 बाल रचनाकारों ने किया सहभाग

अलीगढ़। बाल रचनाकारों की राष्ट्रीय पत्रिका ‘अभिनव बालमन’ द्वारा ‘अभिव्यक्ति’ का आयोजन आगरा रोड स्थित शिप्रस स्कूल में किया गया। 

इस अवसर पर 90 बाल रचनाकारों ने चित्रकला, कविता, कहानी एवं निबंध के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त किया। 

बच्चों को विविध विधाओं में शीर्षक प्रदान किए गए जिनके आधार पर बच्चों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ बनाईं। 

इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या लीना शर्मा ने कहा कि बच्चों ने जिस तरह विविध शीर्षकों पर कविता, कहानी, निबंध, चित्रकला के माध्यम से रचनात्मकता को प्रदर्शित किया है वह प्रशंसनीय है। 

प्रबंधक सौरभ राज ने कहा कि विद्यालय में विभिन्न गतिविधियाँ होती हैं। अभिनव बालमन द्वारा ‘अभिव्यक्ति’ के माध्यम से बच्चों ने साहित्यिक गतिविधि से स्वयं को जोड़ा है। यह बच्चों को मानसिक रूप से कल्पनाशील बनाएगा जिससे उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा आएगी। 

अभिनव बालमन की उप संपादक संध्या ने कहा कि सभी बाल रचनाकारों ने बहुत अच्छा प्रयास किया है। अभिनव बालमन का सदैव उद्देश्य रहा है कि अधिक से अधिक बच्चों को स्वरचित रचनाएँ एवं कल्पनाओं से ओतप्रोत चित्र बनाने के लिए प्रेरित किया जाए। बच्चों की अभिव्यक्ति जब पत्रिका में प्रकाशित होगी तो निश्चित ही बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

अभिनव बालमन के संपादक निश्चल ने बाल रचनाकारों को बताया कि वो कैसे अपनी कहानी रच सकते हैं। उन्होंने कहानी के लिए प्रारम्भिक आवश्यकताओं के विषय में बच्चों से बात की। बाल रचनाकारों ने इन बातों का ध्यान रखते हुए स्वरचित कहानियों की रचना की। 

इस अवसर पर शुभ्रा रायजादा, शिवानी शर्मा, उपासना सक्सेना, प्रियंका चौधरी उपस्थित रहीं। 

शिप्रस स्कूल में हुआ अभिव्यक्ति का आयोजन: 2023

हाल ही में

प्रगतिवादी काव्य की सामान्य प्रवृत्तियाँ संगोष्ठी संपन्न, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, तेलंगाना

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास)…

नदलेस ने की अनामिका सिंह अना के नवगीत संग्रह ‘न बहुरे लोक के दिन’ पर परिचर्चा

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ ने अनामिका सिंह…

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण एवं समकालीन कथा साहित्य पर चर्चा

  बेहतर आदमी तो समाज और साहित्य के…

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

  क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली…

पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

  16 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा…

अन्य समाचार