अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

उदयपुर के डॉ.चंद्रेश कुमार छतलानी ने सबसे ज़्यादा अकादमिक प्रमाणपत्र अर्जित कर वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया

डॉ.छतलानी ने विद्यापीठ को गर्वित किया: प्रो. सारंगदेवोत

लॉकडाउन का सदुपयोग

उदयपुर 26 जनवरी, किसी बेहतरीन कार्य को करने के लिए यदि ठान लिया जाए तो हर समय व परिस्थिति अनुकूल हो जाती हैं। यह सम्भव कर दिखाया है उदयपुर, राजस्थान के डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी ने, जिन्होंने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग करते हुए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तरीय संगठनों यथा माइक्रोसॉफ़्ट, गूगल, सिस्को, विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि द्वारा विविध अकादमिक विषयों व कार्यकर्मों के ऑनलाइन माध्यम से एक हज़ार से अधिक प्रमाणपत्र अर्जित किए। अंतरराष्ट्रीय संगठन वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स, जो प्रमाणीकरण के साथ दुनिया भर के असाधारण रिकॉर्ड्स को सूचीबद्ध और सत्यापित करता है, द्वारा छतलानी को शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की उच्चतम संख्या के वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड स्थापित करने की मान्यता प्रदान की गई है। यह प्रमाणपत्र वर्ल्डस ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स के अधिनिर्णायक द्वारा प्रदान किया गया। 

डॉ. चंद्रेश ने कोरोना से लड़ते हुए दो साहित्यिक पुस्तकों का सम्पादन करने के साथ-साथ शैक्षिक क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण रणनीतियाँ व योजनाएँ भी स्वतंत्र रूप से बनाई और देश के लॉकडाउन में 'कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के समय कर्मचारियों/शिक्षकों की मानसिकता पर प्रभाव' विषय पर राष्ट्रीय स्तर का शोधकार्य भी सफलता पूर्वक संपन्न किया। उन्हें कोरोना योद्धा सहित कई अन्य सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। वे राजस्थान विद्यापीठ में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। 

विद्यापीठ के कुलपति प्रो. कर्नल एस. एस. सारंगदेवोत ने डॉ. छतलानी को बधाई देते हुए कहा कि छतलानी विश्वविद्यालय का गौरव हैं और उनके द्वारा किए जा रहे कार्य न केवल विश्वस्तरीय बल्कि अनुकरणीय भी हैं। वे कम्प्यूटर विज्ञान के प्रख्यात ज्ञाता व शोधकर्ता होने के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी हैं। कोविड के बाद लम्बी बीमारी से संघर्षरत होने के बावजूद भी उन्होंने यह मुक़ाम हासिल किया है, जो उनकी प्रतिबद्धता को ज़ाहिर करता है। छतलानी ने स्वतंत्र रूप से 140 से अधिक सॉफ़्टवेयर व वेबसाइट का निर्माण भी किया है और वे विश्वविद्यालय के शोध को उन्नत करने हेतु साहित्यिक चोरी पकड़ने के सॉफ़्टवेयर का प्रबंधन भी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त विद्यापीठ के कई प्रमुख कार्यों में भी उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। 

इससे पूर्व डॉ. छतलानी को शिक्षा, शोध व साहित्य के क्षेत्र में योगदान के बीस सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, उन्होंने नौ पुस्तकों का लेखन व सात का संपादन किया है, साथ ही उनके 27 शोध पत्र प्रकाशित व 40 अन्य शोध पत्र राष्ट्रीय-अतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रस्तुत हुए हैं। 

डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर
जनसम्पर्क अधिकारी

हाल ही में

प्रगतिवादी काव्य की सामान्य प्रवृत्तियाँ संगोष्ठी संपन्न, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, तेलंगाना

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास)…

नदलेस ने की अनामिका सिंह अना के नवगीत संग्रह ‘न बहुरे लोक के दिन’ पर परिचर्चा

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ ने अनामिका सिंह…

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण एवं समकालीन कथा साहित्य पर चर्चा

  बेहतर आदमी तो समाज और साहित्य के…

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

  क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली…

पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

  16 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा…

अन्य समाचार