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’व्यंग्य भोजपाल’ की प्रथम काव्य गोष्ठी दिनांक 6 अगस्त 2022 को भोपाल में संपन्न

साहित्य के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय संस्था, भोजपाल साहित्य संस्थान, भोपाल अंतर्गत गठित चैप्टर ’व्यंग्य भोजपाल’ की प्रथम मासिक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन 06 अगस्त 2022 को भोपाल हाट स्थित ’9 एम मसाला रेंस्तरां’ में संस्था के अध्यक्ष श्री प्रियदर्शी खैरा की अध्यक्षता व कार्यकारी अध्यक्ष सुदर्शन सोनी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। 

श्री सुदर्शन सोनी द्वारा ’व्यंग्य भोजपाल’ की संकल्पना व उद्देश्य पर अपने विचार रखे गये। उनके द्वारा कहा गया कि व्यंग्य क्षेत्र में सार्थक विमर्श के साथ ही अध्ययन व शोध के लिये व्यंग्यकारों के डेडिकेटेड फ़ोरम की आवश्यकता भोपाल में लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। भोजपाल साहित्य संस्थान इसकी पूर्ति नहींं कर पा रहा था, क्योंकि वह सभी विधाओं के रचनाकारों को मंच उपलब्ध करवाता है। शहर की अन्य अनेक संस्थाएँ भी बहुविधामुखी हैं अथवा कविता, लघुकथा, कहानी, ग़ज़ल इत्यादि में से किसी एक विधा को ही समर्पित है। व्यंग्य पर ऐसी कोई समर्पित संस्था भोपाल में नहींं है। उम्मीद कर सकते हैं कि ’व्यंग्य भोजपाल’ इस रिक्ति को सभी व्यंग्यकारों व साहित्य प्रेमियों के सहयोग से दूर कर सकेगा। 

तत्पश्चात वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री कुमार सुरेश द्वारा ’व्यंग्यकार के दायित्व’ विषय पर बोलते कहा कि समाज की बेहतरी ही उसका दायित्व है। श्री विजी श्रीवास्तव द्वारा व्यंग्य के वर्तमान परिदृश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री खैरा द्वारा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुदर्शन सोनी के साहित्य व व्यंग्य के प्रति समर्पण की तारीफ़ करते कहा कि ’व्यंग्य भोजपाल’ व्यंग्यकारों को एक बहुप्रतीक्षित मंच प्रदान करेगा। जहाँ वे रचनापाठ के अलावा नये प्रयोग कर सकेंगे। 

उपस्थित व्यंग्यकारों ने सशक्त रचनाओं का पाठन कर श्रोताओं की प्रशंसा बटोरी। अशोक व्यास, ”मैं और मेरा मोबाईल अक़्सर ये बाते करते हैं’। कमल किशोर दुबे द्वारा दुनिया का ’अभिशप्त मजदूर’, चरनजीत सिंह द्वारा ‘और हम ख़ाली लौट आये’, सुरेश पटवा द्वारा ‘साहित्यजीवी’ तो विवेक रंजन श्रीवास्तव द्वारा ‘ट्राई कलर्स बेलून्स इन स्काई’ सुमन ओबेराय द्वारा ‘सब से प्यारा हिंदुस्तान हमारा’, जयजीत अकलेचा द्वारा ‘जन व तंत्र’ प्रमोद ताम्बट द्वारा ‘अर्थ व्यवस्था का अर्थ अनर्थ’ गोकुल सोनी द्वारा ‘कुत्ता फजीती’, श्री कुमार सुरेश द्वारा ‘जरा धीरे से उड़ो मेरे साजना’ बिजि श्रीवास्तव द्वारा ‘चुनाव पंडाल के बाहर खडे़ शौचालय की आपबीती’ व श्री सुदर्शन सोनी द्वारा व्यंग्य ‘डिजिटाईजेशन व बडे़ बाबू’ का पाठन किया गया। अध्यक्ष प्रियदर्शी खैरा द्वारा ‘सब जल्दी में हैं’ का पाठन किया गया। 

कार्यक्रम में दुष्यंत कुमार पाडुलिपि संग्रहालय भोपाल के निदेशक श्री राजुरकार राज, प्रसिद्व कथाकार श्री मुकेश वर्मा, प्रभात साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री नंदकुमार, श्री चंद्रभान राही व अन्य साहित्यकारों के साथ ही बड़ी संख्या में साहित्य रसिक श्रोता उपिस्थत थे। श्री मुकेश वर्मा द्वारा ’व्यंग्य भोजपाल’ को एक अच्छा प्रयास बताते हुए वनमाली सृजन द्वारा कथा के क्षेत्र में प्रकाशित संकलन की तरह ही व्यंग्य के क्षेत्र में कार्य प्रारम्भ करने के लिए कहा। कार्यक्रम का सफल व व्यंग्यमय संचालन श्री गोकुल सोनी व आभार प्रदर्शन श्री सुरेश पटवा द्वारा किया गया। 

प्रियदर्शी खैरा 
90-91, यशोदा विहार, भोपाल 
मध्यप्रदेश। 

’व्यंग्य भोजपाल’ की प्रथम काव्य गोष्ठी दिनांक 6 अगस्त 2022 को भोपाल में संपन्न

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