अवध में राम आए हैं
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत अशोक योगी 'शास्त्री'15 Aug 2020
हर्षित है सारा ही संसार
अवध में राम आए हैं
अवध में राम आए हैं
मेरे भगवान आए हैं।
काटकर सदियों का वनवास
पुन: सियाराम आए हैं।
भरत है मिलने को आतुर
लखन संग हनुमान आए हैं।
छवि है मनमोहन वाली
सभी के हिय में समाए हैं।
सरयू के पावन घाटों ने
गीत मंगल के गाए हैं।
सजे हैं सारे घर और द्वार
देवों ने पुष्प बरसाए हैं।
आज मंदिर के मुहूर्त पर
मोदी संग नाथ आए हैं।
उमंग में नाच रहे नर नार
प्रजा ने दीप जलाए हैं।
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