अवध में राम आए हैं
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत अशोक योगी 'शास्त्री'15 Aug 2020 (अंक: 162, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
हर्षित है सारा ही संसार
अवध में राम आए हैं
अवध में राम आए हैं
मेरे भगवान आए हैं।
काटकर सदियों का वनवास
पुन: सियाराम आए हैं।
भरत है मिलने को आतुर
लखन संग हनुमान आए हैं।
छवि है मनमोहन वाली
सभी के हिय में समाए हैं।
सरयू के पावन घाटों ने
गीत मंगल के गाए हैं।
सजे हैं सारे घर और द्वार
देवों ने पुष्प बरसाए हैं।
आज मंदिर के मुहूर्त पर
मोदी संग नाथ आए हैं।
उमंग में नाच रहे नर नार
प्रजा ने दीप जलाए हैं।
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