संध्या.. काली.. रात..
अनूदित साहित्य | अनूदित कविता डॉ. नितिन पाटील20 Feb 2019
(कविता संग्रह - गोधड़ - 2006)
(मराठी आदिवासी कवि वाहरु सोनवणे की कविता का अनुवाद)
अनुवाद: नितिन पाटील
संध्या.. काली.. रात..
गोद में बच्चा ... रि... रि
करता
एक परछाई चक्की घूमाती
आटा आँसुओं का
पीसकर पूरा होता रहा...
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