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लेखक की कृतियाँ
ग़ज़ल
- अपनी ज़ुल्फों को सितारों के हवाले कर दो
- अब दो आलम से सदा-ए-साज़ आती है मुझे
- आप अगर हम को मिल गए होते
- ऐ मैगुसारों सवेरे सवेरे
- जो लोग जान बूझ के नादान बन गए
- तेरे दर पे वो आ ही जाते हैं
- फूलों की आरज़ू में बड़े ज़ख्म खाए हैं
- फूलों की टहनियों पे नशेमन बनाइये
- वो बातें तेरी वो फ़साने तेरे
- सबू को दौर में लाओ बहार के दिन हैं
- साग़र से लब लगा के बहुत ख़ुश है ज़िन्दगी
- सूरज की हर किरन तेरी सूरत पे वार दूँ
- हँस के बोला करो बुलाया करो
- ज़माना ख़राब है
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