ऐसा देश है मेरा
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता अभिराज देवरे1 Feb 2020 (अंक: 149, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
चाणक्य के तक़दीर में था राजयोग
फिर भी माँ के लिए उसने त्याग दिया
एक छोटे बच्चे चंदू को
भारत का राजा बना दिया
जिसने कहा देश का स्वार्थ ही स्वार्थ है मेरा
बहनों ऐसा देश है मेरा
जहाँ भारत था शासन काल में
अँग्रेज़ों का था वो अभिमान
भगतसिंह ने बदला लेकर
गिरा दिया उसका स्वाभिमान
“भारत माँ रहूँगा मैं तेरा”
ऐसा प्यारा देश है मेरा
कहते थे जिसको नीचे कुल का
वो नहीं था उनके जैसा
आंबेडकर जैसा दुनिया में
नहीं था कोई वैसा
समानता को मिला एक नया हीरा
दोस्तो ऐसा दोस्त है मेरा
‘म्हारा मेवाड़ी सरदार’ करके
महाराणा मेवाड़ को बचाता था
तुझमें में भी थी कुछ बात
जो तू अकबर को डराता था
जहाँ आदिल शाह राजा था
जिसका बहुत बड़ा था राज
वहीं शिवाजी महाराज ने
बनाया हिन्दवी का स्वराज
मराठाओं को मिला राजा का सेहरा
दोस्तो ऐसा देश है मेरा
जहाँ श्री प्रभुपदा जन्मे
जिनका जीवन काल संन्यास में बीता
वहीं फिरंगियों की मदद से
फैलाई श्रीमद्भगवद गीता
इसकॉन को पूरे विश्व में मिला नया चेहरा
बंधुओं ऐसा देश है मेरा
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