आओ प्यारे बच्चो
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता मुकेश कुमार ऋषि वर्मा1 Jul 2024 (अंक: 256, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
आओ प्यारे बच्चो आओ,
सब मिलकर ज्ञान का दीप जलाएँ।
धरा से तम सारा मिटाएँ॥
आओ प्यारे बच्चो आओ,
प्यार का फूल खिलाएँ।
महक जन-जन तक पहुँचाएँ॥
आओ प्यारे बच्चो आओ,
प्रकृति को उजड़ने से बचाएँ।
भविष्य सुरक्षित बनाएँ॥
आओ प्यारे बच्चो आओ,
प्रगति की राह बनाएँ।
विकास के नव पंख उगाएँ॥
आओ प्यारे बच्चो आओ,
सब मिलकर ज्ञान का दीप जलाएँ।
धरा से तम सारा मिटाएँ॥
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
आओ, पर्यावरण बचाएँ
किशोर साहित्य कविता | डॉ. रामवृक्ष सिंहसूरज ने जब आँख दिखाई। लगी झुलसने धरती माई॥…
आज के हम बच्चे
किशोर साहित्य कविता | प्रतीक्षा नारायण बडिगेरहम नन्हे-मुन्हे तारे, आओ टिमटिमाएँ सारे।…
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
किशोर साहित्य कविता
कविता
- अपने तो अपने होते हैं
- आयी ऋतु मनभावन
- आस्तीन के साँप
- इंतज़ार
- इष्ट का सहारा
- ईश्वर दो ऐसा वरदान
- ऐ सनम मेरे
- कवि की कविता
- कृषक दुर्दशा
- गाँव की भोर
- गुलाबी ठंड
- चिट्ठियों वाले दिन
- जल
- दर्द
- दीप जलाएँ
- दो जून की रोटी
- धरती की आस
- धोखा
- नव निर्माण
- नव वर्ष
- पछतावा
- पहाड़
- पुरुष
- प्रणाम बारम्बार
- प्रार्थना
- प्रिय
- बसंत आ रहा
- बाबाओं की फ़ौज
- भारत गौरव
- मनुष्य और प्रकृति
- माँ मेरी
- मेरा गाँव
- मेरा भारत
- मेरा हृदय लेता हिलोरे
- मेरी कविता
- मेरी कविता
- यादें (मुकेश कुमार ऋषि वर्मा)
- राखी
- वृक्ष
- शिक्षा
- सच्चा इल्म
- सावन में
- स्मृतियाँ
- हादसा
- हे ईश्वर!
- हे गौरी के लाल
- हे प्रभु!
- ज़िन्दगी
बाल साहित्य कविता
चिन्तन
काम की बात
लघुकथा
यात्रा वृत्तांत
ऐतिहासिक
कविता-मुक्तक
सांस्कृतिक आलेख
पुस्तक चर्चा
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं