दिन प्रतिदिन बढ़ता साइबर क्राइम
आलेख | काम की बात मुकेश कुमार ऋषि वर्मा1 Mar 2024 (अंक: 248, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
आधुनिक समय में हमें जो सुख-सुविधाएँ प्राप्त हैं। उनमें इंटरनेट का बड़ा योगदान है। परन्तु सुख के पीछे-पीछे दुख भी चला आता है। इंटरनेट की सुख-सुविधाओं के पीछे साइबर क्राइम रूपी दुख भी मानव जीवन में मानव द्वारा निर्मित एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है। बात करते हैं साइबर अपराध की। साइबर अपराध होता क्या है? वस्तुतः कोई भी अपराध जिसमें कंप्यूटर या नेटवर्क या हार्डवेयर का प्रयोग करके समाज विरुद्ध, राष्ट्र विरुद्ध, आर्थिक, सामाजिक हानि पहुँचाई जाती है। मनुष्य द्वारा मनुष्य के साथ कंप्यूटर डाटा, कंप्यूटर या अन्य कंप्यूटराइज्ड उपकरणों द्वारा धोखाधड़ी साइबर क्राइम का हिस्सा हैं। वायरस अटैक, हैकिंग द्वारा उक्त कृत्यों को किया जाता है। क़ानूनन यह साइबर क्राइम है।
साइबर अपराध भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे: फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग, स्पीयर फिशिंग, सोशल इंजीनियरिंग, स्पूफिंग, फार्मिंग, मालवर्टाइजिंग, एडवेयर, क्रॉस साइट स्क्रिप्टिंग अटैक, स्टेगनोग्राफी, व्हेलिंग, रैनसमवेयर, की लॉगर, जूस जैंकिंग, सिम क्लोनिंग और सिम स्वैपिंग आदि।
गूगल पर इस सम्बन्ध में उपयोगी जानकारी मिल जाती है। आज के समय में प्रत्येक जन को साइबर क्राइम के सम्बन्ध में जानकारी होना अतिआवश्यक है, क्योंकि आधुनिक युग इंटरनेट का युग है। मानवजाति का प्रत्येक कार्य इंटरनेट के माध्यम से ही हो रहा है। कोई भी इंसान इंटरनेट से अछूता नहीं है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में इंटरनेट किसी न किसी रूप में हर क्षण एक अति आवश्यक भूमिका निभा रहा होता है।
आज के समय में प्रत्येक मनुष्य के पास इंटरनेट से सम्बन्धित उपकरण होते हैं और ऐसे उपकरण अति आवश्यक भी मानवीय जीवन में हो गये हैं। इनके बग़ैर मनुष्य जीवन अधूरा लगता है। स्मार्टफोन, लैपटॉप व अन्य कंप्यूटराइज्ड उपकरण मनुष्य जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुके हैं। जिनकी सुरक्षा व देखभाल भी अति आवश्यक है। जैसे अध्यात्म की दुनिया में दैवी मंत्र उपयोगी होता है और मोक्ष का द्वार खोलता है, ठीक वैसे ही पासवर्ड मंत्र इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफॉर्मों का द्वार खोलता है।
कई बार कुछ फोन कॉल से भी विशिंग हो सकता है। मैसेज से भी हो सकता है। वाईफ़ाई से भी हो सकता है। क्यू आर कोड से भी हो सकता है।
फ़र्ज़ी फोन कॉल से साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को मोबाइल टॉवर, लोन या फिर अन्य कोई काम धंधा जो घर बैठे कर सको और लाखों रुपए कमाओ का लालच देते हैं। कुछ कामी पुरुष बॉडी मसाज, लड़की देसी-विदेशी से सेक्स के नाम पर ठगे जाते हैं। ऐसे साइबर अपराधी हैलो गैंग के नाम से प्रचलित हैं।
सोशल मीडिया का ज़माना है, लुभावने विज्ञापनों से बचें। सोशल मीडिया सतर्क होकर इस्तेमाल करें। आप सतर्क रहेंगे तो इंटरनेट का भरपूर आनंद उठा पायेंगे। ओटीपी किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें। सतर्क रहिए-सुरक्षित रहिए . . .!
संदर्भ:
1. प्रयास पत्रिका, अंक-1 (अप्रैल-जून 2022),
2. गूगल सर्च इंजन
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