माँ यमुना
काव्य साहित्य | कविता मुकेश कुमार ऋषि वर्मा15 Nov 2025 (अंक: 288, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
हम निर्मल-पावन जल की महिमा नहीं घटाएँ,
पतितपावनी माँ यमुना को निर्मल पुनः बनाएँ।
प्राणदायिनी माँ यमुना को बचाने जन-जन आगे आएँ,
पुण्यदायिनी माँ यमुना को केमिकल-विष से बचाएँ।
आओ-आओ सब साथी मिलकर हाथ बँटाएँ,
पतितपावनी माँ यमुना को निर्मल पुनः बनाएँ।
पूजा-पाठ की सामग्री को यमुना में न बहाएँ,
सड़ा-गला कचरा बहाकर जल को ज़हर न बनाएँ।
किसी भी तरह की मूर्ति-तस्वीर का विसर्जन न करें,
हो जायें जागरूक, धर्मवीर बनें, आडंबर न करें।
निकट ही विसर्जन हेतु, यमुना घाट पर कुंड बनाएँ,
पतितपावनी माँ यमुना को निर्मल पुनः बनाएँ।
कहीं न कोई घाट-किनारा वृक्षों से ख़ाली रहे,
माँ यमुना का हर किनारा हरियाली से भरा रहे।
बेशक कोई न हो पर्व-स्नान तिथि यमुना की नित करो सफ़ाई,
हो जाओ तैयार धर्मप्रेमी पावन कर्म करने की बारी आई।
प्राणदायिनी-पुण्यदायिनी अविरल माँ यमुना को बचाएँ,
पतितपावनी माँ यमुना को निर्मल पुनः बनाएँ।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
- अपने तो अपने होते हैं
- आयी ऋतु मनभावन
- आस्तीन के साँप
- इंतज़ार
- इष्ट का सहारा
- ईश्वर दो ऐसा वरदान
- ऐ सनम मेरे
- कवि
- कवि की कविता
- कविता मेरी
- कालचक्र
- कृपा तुम्हारी भगवन
- कृषक दुर्दशा
- कैसा ये जीवन
- गाँव की भोर
- गुलाबी ठंड
- चिट्ठियों वाले दिन
- जल
- जीवन
- जो कभी न डूबे
- तन्हाई
- तुलसी
- दर्द
- दर्द अपना छिपाकर
- दीप जलाएँ
- दो जून की रोटी
- दौलत
- धरती की आस
- धोखा
- नई सदी का सूरज
- नया उल्लास आया
- नव निर्माण
- नव वर्ष
- पछतावा
- पहाड़
- पुरुष
- प्रणाम बारम्बार
- प्रभु मेरे
- प्रार्थना
- प्रिय
- बसंत आ रहा
- बाबाओं की फ़ौज
- भय में ज़िन्दगी
- भारत गौरव
- भोर सुनहरी
- मनुष्य और प्रकृति
- माँ मेरी
- माँ यमुना
- माया से नाता
- मेरा गाँव
- मेरा भारत
- मेरा हृदय लेता हिलोरे
- मेरी कविता
- मेरी कविता
- मैं लिखता रहा
- यादें
- यादें (मुकेश कुमार ऋषि वर्मा)
- ये सच है
- राखी
- वृक्ष
- शिक्षा
- सच्चा इल्म
- समय बड़ा बलवान
- सारा संसार
- सावन में
- स्मृतियाँ
- हादसा
- हे ईश्वर!
- हे गौरी के लाल
- हे दयावान!
- हे प्रभु!
- हे प्रभु!
- हे भगवान!
- हे शारदे माँ
- ज़िन्दगी
- ज़िन्दगी
बाल साहित्य कविता
कविता - हाइकु
किशोर साहित्य कविता
चिन्तन
काम की बात
लघुकथा
यात्रा वृत्तांत
ऐतिहासिक
कविता-मुक्तक
सांस्कृतिक आलेख
पुस्तक चर्चा
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं