प्रणाम बारम्बार
काव्य साहित्य | कविता मुकेश कुमार ऋषि वर्मा15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
नमस्कार प्रभु श्री राम
प्रणाम बारम्बार
श्रद्धा रूपी भेंट हमारी
स्वीकार करो।
जीवन हमारा मंगलमय करो॥
प्रभु तुम कण-कण में
तुम में सारा जग समाया
सब तुम्हारी ही माया।
रक्षक-पोषक दाता तुम
राजा-रंक सब के पालनहारी तुम
परम कृपालु-परम दयालु
करुणा के भंडार तुम।
नमस्कार प्रभु श्री राम
प्रणाम बारंबार
डगमग करती नैया डोले
नाथ किनारे तक पहुँचाओ
तूफ़ानों से हमें बचाओ।
प्रभु शरण तुम्हारी
श्रद्धा रूपी भेंट हमारी
स्वीकार करो।
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