मेरा भारत
काव्य साहित्य | कविता मुकेश कुमार ऋषि वर्मा1 Feb 2024 (अंक: 246, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
जहाँ गंगा की निर्मल धारा बहती है
जहाँ जन-जन के हृदय में राष्ट्रभक्ति पलती है
वह देश है मेरा भारत!
जहाँ गांव-गांव में प्रेम हवा चलती है
जहाँ कृष्ण की बंसी मधुर बजती है
वह देश है मेरा भारत!
जहाँ नारी देवी सम पूजी जाती है
जहाँ ममता की मृदुल छाँव पग-पग पर मिल जाती है
वह देश है मेरा भारत!
जहाँ योग पला और आयुर्वेद ऋचाएँ गाईं जाती हैं
जहाँ रामायण-गीता घर-घर में पढ़ाई जाती है
वह देश है मेरा भारत!
जहाँ मानवता धन्य-धन्य हो जाती है
जहाँ नफ़रत भी शीश नवाती है
वह देश है मेरा भारत!
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