डिजिटल दुनियाँ
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता बिपिन कुमार चौधरी15 Aug 2021 (अंक: 187, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
छह इंच की स्क्रीन ने मचाया ऐसा भयानक घमासान,
फ़ेसबुक पर हज़ारों दोस्त, पड़ोसी से रहता है अनजान,
सोशल मीडिया की भीड़ में नई पीढ़ी है यहाँ हलकान,
ख़ुद की सोसाइटी में वही शख़्स बना रहता है गुमनाम,
किताबों ने कर ली आत्महत्या, पुस्तकालय सुनसान,
पढ़ने की किसे फ़ुरसत, वीडियो बनाने में सब परेशान,
पढ़ने की लत क्यों छूटी, बुद्धिजीवियों में मचा घमासान,
रायता फैला रहा निरंतर वॉट्स ऐप यूनिवर्सिटी का ज्ञान,
एक छत के नीचे बैठे, फिर भी सबका स्क्रीन पर ध्यान,
बड़े बुज़ुर्ग माथा पीटें, गैज़टों में घुट-घुट जीता है इंसान,
नई पीढ़ी डाटा खपाने में व्यस्त, भाड़ में जाए ख़ानदान,
हर घर की यही हालत, डिजिटल दुनिया से करे त्राहिमाम
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