हस्ताक्षर
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु डॉ. सुरेन्द्र वर्मा18 May 2016
व्यक्ति से बड़ा
हस्ताक्षर उसका
छोटा ही सही
अनन्यमना
अपने में अकेला
ये हस्ताक्षर
रचा बचेगा
हस्ताक्षर का क्या है
मिट जाएगा
चाहा छिपाना
न माना, हस्ताक्षर
बोल ही पड़ा
बच न सके
हस्ताक्षरों ने करी
भाव चुगली
चुरा के करे
चाँद के हस्ताक्षर
चोट्टी चाँदनी
सूरज उगा
पत्रों पे हस्ताक्षर
हुए अंकित
कविता चित्र
जो भी रचे हाथ
वो हस्ताक्षर
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
पुस्तक समीक्षा
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
कविता - हाइकु
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं