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उमेश चन्द्र की बाल कविताएँ,/पढ़ते ही मन को भाएँ

समीक्षित पुस्तक: स्मार्ट जंगल (बाल कविता संग्रह)
कृतिकार: डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
प्रकाशक: अक्षर पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, नई दिल्ली- 110090
मूल्य: ₹150/-
संस्करण वर्ष: 2020

बच्चों की दुनिया है न्यारी, 
महक रही देखो फुलवारी। 
पुस्तक की कविताएँ पढ़ते, 
शिक्षा मिलती, कभी न लड़ते। 
पूज्य गुरु को किया समर्पित, 
पुस्तक होगी निश्चित चर्चित। 
प्रथम बाल पुस्तक है आई, 
उमेश जी को बहुत बधाई॥
 
इसमें सत्ताइस कविताएँ, 
बच्चे पढ़कर इनको गाएँ। 
वृक्ष हमारे सच्चे-साथी, 
चूहा, चिड़िया, बंदर, हाथी॥
ऑक्सीजन हमको देते हैं, 
बदले में वो क्या लेते हैं? 
मोबाइल की महिमा न्यारी
फोटो भेज रही महतारी॥
 
मंज़िल पाकर ही दम लेंगे, 
दुश्मन को टक्कर हम देंगे। 
एक लाइब्रेरी भी होगी, 
जिसमें नंदन, चंपक होगी। 
जंगल का अख़बार चलेगा, 
तब जंगल स्मार्ट बनेगा। 
सहज, सरल है इसकी भाषा, 
जगा रही मन में अभिलाषा॥
 
सुंदर चित्र, छपाई है जी, 
प्रियवर तुम्हें बधाई है जी। 
पुस्तक दिया, मेरा मन हर्षा, 
बाल जगत में होगी चर्चा। 
छंद-बद्ध सारी कविताएँ, 
बच्चे विद्यालय में गाएँ। 
कहीं-कहीं मात्रा कम-ज्यादा, 
पढ़ने में आती है बाधा॥
अंग्रेज़ी शब्दों से बचना, 
शीर्षक हिंदी में ही रखना। 
अक्षर पब्लिशर्स से आई, 
सिरसवारी तुम्हें बधाई॥

समीक्षक 
चक्रधर शुक्ल
एल.आई.जी.
सिंगल स्टोरी, बर्रा- 6,
कानपुर - 208027
मो. 9455511337

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