अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

महेन्द्र नगर स्थित मॉरिशस इण्टरनेशनल स्कूल में ‘मेरा मन मेरे रंग’ का आयोजन

महेन्द्र नगर स्थित मॉरिशस इण्टरनेशनल स्कूल में ‘मेरा मन मेरे रंग’ का आयोजन

बाल रचनाकारों ने अभिव्यक्त की अपनी भावनाएँ: ‘मेरा मन मेरे रंग’ में 

मॉरिशस इंटरनेशनल स्कूल में हुआ आयोजन

 

अलीगढ़। बाल रचनाकारों की राष्ट्रीय पत्रिका ‘अभिनव बालमन’ द्वारा आज महेन्द्र नगर स्थित मॉरिशस इण्टरनेशनल स्कूल में ‘मेरा मन मेरे रंग’ का आयोजन किया गया जिसमें 173 बाल रचनाकारों ने अपनी अभिव्यक्ति को चित्रकला के माध्यम से अभिव्यक्त किया।

बाल रचनाकारों ने पर्यावरण, देशभक्ति, माँ, बचपन आदि विभिन्न विषयों से जुड़े चित्रों को अपनी भावनाओं में पिरोकर चित्रित किया। इन चित्रों में बाल रचनाकारों के मन में उपजी भावनाएँ सभी को आकर्षित कर रही थीं।

इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक मुकेश सिंह ने कहा कि ऐसी रचनात्मक गतिविधियाँ बच्चों के व्यक्त्वि विकास में सहायक हैं। चित्रकला से जुड़कर बच्चे ख़ुश भी होते हैं और उनकी कल्पनाओं को उड़ान भी मिलती है।

अभिनव बालमन की उप संपादक संध्या ने कहा कि अभिनव बालमन विगत 13 वर्षों से बाल रचनाकारों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करती आ रही है। कोविड काल के बाद इस तरह बच्चों के बीच गतिविधि होना सुखद है। बाल रचनाकारों द्वारा की जा रही चित्रकारी उनके रचनात्मकता को और निखारेगी।

इस अवसर पर विद्यालय की सह निदेशिका नीना सक्सैना, प्रधानाचार्या पायल अग्रवाल, कला शिक्षिका कविता सेवक, रिंकी गौर, कामिनी वार्ष्णेय, अलका वार्ष्णेय सहित अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

मॉरिशस इंटरनेशनल स्कूल में हुआ आयोजन

हाल ही में

प्रगतिवादी काव्य की सामान्य प्रवृत्तियाँ संगोष्ठी संपन्न, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, तेलंगाना

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास)…

नदलेस ने की अनामिका सिंह अना के नवगीत संग्रह ‘न बहुरे लोक के दिन’ पर परिचर्चा

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ ने अनामिका सिंह…

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण एवं समकालीन कथा साहित्य पर चर्चा

  बेहतर आदमी तो समाज और साहित्य के…

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

  क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली…

पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

  16 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा…

अन्य समाचार