अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

शिप्रस स्कूल में बाल रचनाकार हुए पुरस्कृत

अलीगढ़। बाल रचनाकारों की राष्ट्रीय पत्रिका ‘अभिनव बालमन’ द्वारा आज आगरा रोड स्थित शिप्रस स्कूल में विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बाल रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया। 

इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या लीना शर्मा ने कहा कि रचनात्मक रूप से बच्चों की विभिन्न विधाओं में अभिव्यक्ति देखकर प्रसन्नता होती है। इस तरह के अवसर बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। 

विद्यालय के प्रबन्धक सौरभ राज ने कहा कि विद्यालय में विभिन्न गतिविधियाँ निरंतर आयोजित होती हैं। इसी के अंतर्गत अभिनव बालमन की प्रतियोगिताओं में बच्चे बड़े ही मनोभाव से प्रतिभाग करते हैं फलस्वरूप उनकी रचनात्मकता उभरती है। 

अभिनव बालमन की उपसंपादक संध्या ने कहा कि अभिनव बालमन का यह लक्ष्य है कि हर बच्चे तक बाल साहित्य पहुँचे। 

हमें बच्चों को बाल साहित्य से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए ताकि उनको उनके मानसिक विकास में सहायता मिले। इसी सन्दर्भ में अभिनव बालमन में प्रकाशित रंग भरो, कहानी लेखन, कविता लेखन, संस्मरण लेखन, पत्र लेखन, कार्टून कोना आदि विभिन्न प्रतियोगिताएँ हैं जिसमें प्रतिभाग कर बच्चे खेल खेल में साहित्य से जुड़ते हैं। 

इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिका शुभ्रा एवं शिवानी का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा। 

शिप्रस स्कूल में बाल रचनाकार हुए पुरस्कृत

हाल ही में

प्रगतिवादी काव्य की सामान्य प्रवृत्तियाँ संगोष्ठी संपन्न, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, तेलंगाना

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास)…

नदलेस ने की अनामिका सिंह अना के नवगीत संग्रह ‘न बहुरे लोक के दिन’ पर परिचर्चा

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ ने अनामिका सिंह…

अश्विनी कुमार दुबे के कहानी संग्रह ‘आख़िरी ख़्वाहिश’ के लोकार्पण एवं समकालीन कथा साहित्य पर चर्चा

  बेहतर आदमी तो समाज और साहित्य के…

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

  क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली…

पुनीता जैन को ‘श्री प्रभाकर श्रोत्रिय स्मृति आलोचना सम्मान’

  16 मार्च 2024 को मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा…

अन्य समाचार