कोहरा
कथा साहित्य | लघुकथा रमेश ‘आचार्य’1 Sep 2019
शाम के वक़्त आसमान में हल्का कोहरा था। आज वह ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा था। कल नए साल का पहला दिन उसकी नौकरी का भी पहला दिन होने वाला था। वह मन नही मन भगवान का शुक्रिया अदा कर रहा था। गाँव से आए अभी दो ही महीने हुए थे कि उसे एक प्राइवेट फर्म में सुपरवाइज़र की नौकरी मिल गई। ऐसा नसीब भला महानगर में कितनों का होता है। उसने संकल्प किया कि वह पूरी ईमानदारी और मेहनत से काम करेगा। वह बस स्टैंड के कोने में खड़ा होकर अपनी बस का इन्तज़ार कर रहा था। अचानक उसे दूसरी ओर से किसी लड़की के रोने की आवाज़ सुनाई दी। उसने पास जाकर देखा कि तीन लड़के एक लड़की पर अश्लील फबतियाँ कस रहे थे। बीच-बीच में वे उसके शरीर को भी छू रहे थे। एक लड़के ने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचा और कहा- "चलो डाार्लिंग, आज नया साल हमारे साथ मनाओ।" वह उनका विरोध कर रही थी लेकिन वहाँ खड़े लोगों में से कोई उसकी मदद के लिए न आया। सभी अपनी-अपनी दुनिया में गुम मोबाइल पर बतिया रहे थे या कानों में लीड लगाए न जाने क्या सुन रहे थे ।
वह उन लड़कों के पास गया और उनसे लड़की को तंग न करने की विनती करने लगा। तभी एक लड़के ने उसे एक चाँटा मारा और हँसते हुए बोला- "तेरी क्या बहन लगती है... चल पलटी हो जा, नहीं तो तेरी सारी हीरोपंथी यहीं निकाल दूँगा।"
उसका किसानी ख़ून खौल उठा और उसने उस लड़के के मुँह पर एक ताक़तवर घूँसा मारा। वह लड़का ‘मारो साले को’ कहता हुआ ज़मीन पर गिर पड़ा। अब वह दोनों लड़कों से भिड़ गया और उन्हें भी धूल चटाने लगा; लेकिन तभी न जाने कहाँ से उनके तीन साथी और आ गए। वे सभी उस अकेले पर लात-मुक्कों की बरसात करने लगे। उसे अधमरा कर वे लड़के रफूचक्कर हो गए। आसपास खड़े लोग सब जानते हुए भी मूकदर्शक बने तमाशा देखते रहे। भीड़ में से आवाज़ें आ रही थीं- "पराई आग में कूदने पर हाथ ही जलते हैं। बेचारे का नया साल ख़राब हो गया। सबको अपने काम से काम रखना चाहिए।"
वह लड़की मोबाइल पर किसी का नंबर मिला रही थी। तभी एक कार उसके पास आकर रुकी और उसमें से एक युवक बाहर निकलकर ग़ुस्से में बोला- "तुम मेरी कॉल रिसीव क्यों नहीं कर रही थी?"
वह बोली, "सॉरी यार, यहाँ मेरे साथ ड्रामा हो गया था..."
"अब अपनी स्टोरी मत सुनाओ जल्दी बैठो, कहीं न्यू ईयर पार्टी में लेट न हो जाएँ।" लड़के ने लड़की के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। वे दोनों कार में बैठकर हवा हो गए। वह लड़का जटायु की भाँति ज़मीन पर बैठा अपने शरीर से बहते हुए ख़ून को रूमाल से पोंछ रहा था। आसपास में कोहरा और घना होता जा रहा था।
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ऑडियो
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veena vij udit 2019/09/03 09:46 AM
उस ने आत्मा की आवाज़ सुनी और लड़की को बचाया । उसकी अन्तर्आत्मा पर कोई बोझ नहीं रहा । बढ़िया....