मैं और मेरा मित्र
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता संजीव कुमार बब्बर27 Feb 2014
मैं और मेरा प्यारा मित्र
साथ हँसते साथ खेलते
साथ ही स्कूल को जाते है
देख हमें सभी मन्द-मन्द मुस्काते हैं।
मैं और मेरा प्यारा मित्र
साथ ही खाना खाते हैं
कक्षा में सबसे अधिक
अंक हम दोनों पाते हैं
देख हमें सभी मन्द-मन्द मुस्काते हैं।
मैं और मेरा प्यारा मित्र
बारिश में एक ही छाता लाते हैं
और साथ साथ घर जाते हैं
देख हमें सभी मन्द-मन्द मुस्काते हैं।
मैं और मेरा प्यारा मित्र
सभी को मित्रता का महत्व समझाते हैं
लोग हमें कृष्ण सुदमा कह कर बुलाते हैं
यह सुन हम मन्द-मन्द मुस्काते हैं।
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