आँसू बोलते हैं
काव्य साहित्य | कविता संजीव कुमार बब्बर27 Feb 2014
आँसू बोलते हैं ये जाना
आँसुओं को तेरे देख कर
जब......
लब को तूने दबा लिया
साँसों को तूने थाम लिया
आँखों को तूने झुका लिया
तब......
आँखों से आँसू बहने लगे
उन पर तेरा वश न चला
ये आँसू सब कुछ कहने लगे
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