प्रीत भरा यह मास निराला
काव्य साहित्य | कविता-मुक्तक ज्योत्स्ना 'प्रदीप'15 Dec 2019 (अंक: 146, द्वितीय, 2019 में प्रकाशित)
छंद - दोधक
(यह 11 वर्ण का छन्द है। तीन भगण (211+211+211)और दो गुरु 2+2होते हैं)
प्रीत भरा यह मास निराला।
माधव झूम रहा मतवाला॥
रंग सजे बिखरे हर डाली।
गीत नए बुनती हरियाली॥
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