आया यह मृदु-गीत कहाँ से!
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत अनिल मिश्रा ’प्रहरी’1 Nov 2022 (अंक: 216, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
कलित पुष्पदल निज मुख खोले
पत्र समीरण के संग डोले,
सुर-संगम, संगीत कहाँ से
आया यह मृदु-गीत कहाँ से!
मंद-मंद खगकुल के कलरव
नीरवता में घोल रहे रव,
छलकी अनुपम प्रीत कहाँ से
आया यह मृदु-गीत कहाँ से!
गान अलौकिक गुंजित वन में
सौरभ, सुधा-सिन्धु कण-कण में,
गुनगुनकर अलि-मीत कहाँ से
आया यह मृदु-गीत कहाँ से!
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