होली - एक रंग
बाल साहित्य | किशोर साहित्य आलेख अनुष्का जाधव15 Mar 2021 (अंक: 177, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
“रंगों से भरी इस दुनियां में,
रंग रंगीला त्यौहार है होली,
गिले शिकवे भुलाकर खुशियाँ
मनाने का त्यौहार है होली।"
- करनिका
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो अब विश्व भर में मनाया जाने लगा है। हर त्योहार की अपनी एक कहानी होती है, जो धार्मिक मान्यताओं पर अधारित होती है।
होली के पीछे भी एक कहानी है।
कहानी –
एक हिरण्यकश्यप नाम का राजा था जो ख़ुद को सबसे अधिक बलवान समझता था। वह देवताओं से घृणा करता था और उसे देवताओं के भगवान विष्णु का नाम सुनना भी पसंद नहीं था, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह बात हिरण्यकश्यप को बिलकुल पसंद नहीं थी। वह कई तरह से अपने पुत्र को डराता था और भगवान विष्णु की उपासना करने से रोकता था। पर प्रह्लाद एक नहीं सुनता, वह अपने भगवान की भक्ति में लीन रहता था। इस सबसे परेशान होकर एक दिन हिरण्यकश्यप ने एक योजना बनाई ।
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आग पर उसे विजय प्राप्त थी। उसे अग्नि जला नहीं सकती थी
योजना के अनुसार उसने अपनी बहन होलिका को अग्नि की वेदी पर प्रह्लाद को लेकर बैठने को कहा। प्रह्लाद अपनी बुआ के साथ वेदी पर बैठ गया और अपने भगवान की भक्ति में लीन हो गया।
तभी अचानक होलिका जलने लगी और आकाशवाणी हुई, जिसके अनुसार होलिका को याद दिलाया गया कि अगर वह अपने वरदान का दुरुपयोग करेगी, तब वह खु।ख़ुद जल कर राख हो जाएगी और ऐसा ही हुआ। प्रह्लाद का अग्नि कुछ नहीं बिगाड़ पाई और होलिका जल कर भस्म हो गई।
इसी तरह प्रजा ने हर्षोल्लास से उस दिन ख़ुशियाँ मनाईं और आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाता है और अगले दिन रंगों से इस दिन को मनाया जाता है।
होली का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इसे अधिक उत्साह से मनाया जाता है। कई राज्यों में फूलों की होली भी मनाई जाती है, और गाने बजाने के साथ सभी एक-दूसरे से मिलते हैं।
"बुरा ना मानों होली है"!
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