अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

नीदरलैंड का राजसी परिवार

अपना पुराना सामान, पुरानी किताबें और पुराने खिलौने बेचते बच्चे

राजा का जन्मदिन 

 

प्यारे बच्चों कैसे हैं आप? आपको पता है कल नीदरलैंड में क्या मनाया जाएगा? नीदरलैंड में आज एक बहुत बड़ी पार्टी की तैयारी हो रही है आज। हर शहर, गाँव, सरकारी कार्यालय, स्टेडियम, बड़े-बड़े होटल, पार्क, बाज़ारों में बड़े-बड़े स्टेज तैयार हो गए हैं। पूरे नीदरलैंड में नीदरलैंड के और संतरी झंडों की लड़ियाँ लग गई है। कल नीदरलैंड में राजकीय अवकाश भी है। लोगों के घरों के बाहर भी नीदरलैंड के झंडे के साथ संतरी रिबन जिसे डच में ‘विमपर’ कहते है देखे जा सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे संतरी रिबन क्यों? संतरी रिबन राजपरिवार के विशेष सम्मानित रंग के रूप अपनाया गया है। इसलिए जब भी कोई राजकीय उत्सव या सम्मान का अवसर मनाया जाता है तब इस संतरी रिबन को भी नीदरलैंड के झंडे के साथ लगाया जाता है। 

अरे हाँ आपको ये तो पता है न? नीदरलैंड या हॉलैंड कहाँ है? 

चलो मैं पहले आपको ये ही बता दूँ की नीदरलैंड या हॉलैंड कहाँ है, और नीदरलैंड को हॉलैंड क्यों कहते हैं? 

नीदरलैंड यूरोपीय महाद्वीप का एक प्रमुख देश है। यह उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तरी समुद्र स्थित है, दक्षिण में बेल्जियम एवं पूर्व में जर्मनी है। ये तो बात हुई नीदरलैंड कहाँ है। अब मैं आपको बताती हूँ नीदरलैंड को हॉलैंड क्यों कहते है? नीदरलैंड दो शब्दों से मिलकर बना है। नीदरलैंड की भाषा डच है और डच में नीदर =नीचा +लैंड =ज़मीन = नीदरलैंड। तो इसका अर्थ यह है नीची भूमि या ज़मीन वाला देश। अंग्रेज़ीभाषी लोगों ने इसका अपनी भाषा में अनुवाद कर नीदरलैंड को हॉलैंड Hol +land =Holland बना दिया। क्योंकि नीदरलैंड समुद्र की सतह से एक मीटर नीचे बसा है इसलिए यह नीदरलैंड कहलाता है। यह एक बहुत छोटा और यूरोप के बहुत सुंदर देशों में से एक है। अब तो आपको नीदरलैंड के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गई है। अब मैं आपको राजा के जन्मदिन की परंपरा के बारे में बताती हूँ। 

31 अगस्त सन् 1885 1में राजकुमारी विलहेमिना (Wilhelmina) यानी वर्तमान राजा की पड़नानी के पाँचवें जन्मदिन से राजकुमारी का जन्मदिन Prinses Dag मनाने की परंपरा शुरू हुई। यह परंपरा राज परिवार व जनता के बीच अच्छे संबंधों व समानता को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी थी। 23 नवंबर 1890 में अपने पिता (Willem) विलेम तृतीय की मृत्यु के बाद राजकुमारी (Wilhelmina) विलहेमिना ने अपनी माँ रानी ऐमा (Emma) के संरक्षण में रानी का पद ग्रहण किया। सन्‌ 1891 में पहली बार ‘रानी का जन्मदिन’ Koninginnedag मनाया गया। ‘रानी का जन्मदिन’ उस समय स्कूल की गर्मियों की छुट्टियों में मनाया जाता था। इसलिए यह बच्चों में बहुत लोकप्रिय हो गया था। सन्‌ 1902 तक रानी विलहेमिना के जानलेवा बीमारी से ठीक होने के बाद देश की जनता ने रानी के जन्मदिन को और अधिक ख़ुशी व उत्साह के साथ राजकीय त्योहार का रूप में मनाना शुरू कर दिया। 
सितंबर 1948 में पाँच साल बाद जर्मनी से स्वतंत्र होने के बाद रानी जुलियाना (Juliana) ने अपनी माँ की बनाई ‘रानी का जन्मदिन’ परंपरा को बनाए रखते हुए अपने जन्मदिन 30 अप्रैल को ‘रानी का जन्मदिन’ मनाया। 1949 में स्वतंत्रता के बाद पहली बार जनता और रानी का आमना-सामना रानी के महल में हुआ। पूरा राजसी परिवार जो दूसरे विश्व युद्ध के समय अमेरिका जा बसा था, अब वापस नीदरलैंड आ गया था। नीदरलैंड की जनता ने खुले दिल से अपनी ‘रानी का जन्मदिन’ उसके महल जा कर उसे फूलों के गुलदस्ते व उपहार भेंट दे कर मनाया। उस समय इस उत्सव का टेलीविज़न व रेडियो पर सीधा प्रसारण प्रसारित किया गया। रानी जुलियाना नीदरलैंड की जनता की प्रिय रानी के रूप में स्थापित हुई। लोग हर वर्ष उनके जन्मदिन पर अपनी तरफ़ से भी बहुत से सामान व अन्य वस्तुएँ मुफ़्त जनता में बाँट दिया करते थे। 

सन्‌ 1981 में रानी जुलियाना के बाद उनकी बेटी राजकुमारी Beatrix बेट्रिक्स ने राज्य का प्रशासन सँभाला। अपनी माँ रानी जुलियाना का सम्मान करते हुए रानी बेट्रिक्स ने अपनी माँ के जन्मदिन 30 अप्रैल को ही रानी के जन्मदिन के रूप में मनाना उचित समझा। रानी ब्रेट्रिक्स के रानी बनने से पहले जनता राजमहल जा कर ‘रानी का जन्मदिन’ मनाती थी। लेकिन राजकुमारी बेट्रिक्स के रानी बनने के बाद उन्होंने यह परंपरा बदल दी। अब राजपरिवार स्वयं जनता के बीच जाकर ‘रानी का जन्मदिन’ मनाने लगा। यह परंपरा आज भी इसी रूप में स्थापित है। जन्मदिन के एक सप्ताह पहले राजपरिवार नीदरलैंड के किसी एक शहर के किसी एक स्कूल में जा कर में बच्चों के खेल खेलते है, नाचते हैं, गाते हैं और सुबह का नाश्ता भी वह वहीं स्कूल में बच्चों के साथ करते हैं। पूरे नीदरलैंड के प्राथमिक स्कूलों में राजपरिवार की तरफ़ से सारे बच्चों को उपहार भी दिए जाते हैं। 

30 अप्रैल सन्‌ 2013 में रानी बेट्रिक्स ने अपने बेटे राजकुमार (Willem Alexander) विलेम अलेक्ज़ेंडर को राजगद्दी सौंप उन्हें राज्य का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। विलम अलेक्ज़ेंडर का जन्मदिन 27 अप्रैल को होता है और अब रानी के स्थान पर एक राजा का शासन है। इसलिए सन्‌ 2014 से ‘रानी का जन्मदिन’ Koninginnedag बदल कर राजा Koningsdag के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस साल राजा विलम अलक्सज़ेंडर ने अपना 56 जन्मदिन मनाया है। राजा विलम अलक्ज़ेंडर की पत्नी रानी मैक्सिमा हैं। इनकी तीन बेटियाँ हैं। राजकुमारी कैटरिना अमालिया (Catharina-Amalia) दूसरी बेटी राजकुमारी अलक्सिया (Alexia) और तीसरी बेटी एरियाना (Ariane) हैं। तीनों नीदरलैंड के सामान्य स्कूलों में पढ़ने जाती हैं। गर्मियों में या अच्छे मौसम में वह साइकिल से स्कूल जाती हैं। पिछले वर्ष राजकुमारी अमालिया ने अधिकारिक स्तर पर राजकुमारी बन राजगद्दी की अधिकारी बनी। किन्तु राजकुमारी को अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करनी है इसलिए व पूर्ण रूप से राजकाज के कार्यों में व्यस्त नहीं है। 

नीदरलैंड में राजा रानी है इसका मतलब यह नहीं है कि वहाँ राजा का ही शासन है। यहाँ पर राजा रानी है पर राज्य की क़ानून व्यवस्था मंत्री मार्क रूत Mark Rutte ही देखते हैं। यहाँ भी भारत की तरह संसद है। आपको पता है दमामे वर्तमान राजा ने भी अपनी पढ़ाई नीदरलैंड में रह कर ही पूरी की और वो भी नीदरलैंड भाषा में। बाद में पायलट की पढ़ाई के लिए वह ज़रूर विदेश गए, परन्तु अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नीदरलैंड आ कर पायलट के रूप में उन्होंने कई वर्षों तक Royal Dutch Airlines KLM में नौकरी की। कल का दिन बहुत ख़ास होने वाला है, कल सारे बच्चे अपने बनाए समान, किताबें जिन्हें वह पढ़ चुके हैं, खिलौने जिनसे वह खेल चुके हैं या फिर वह उनसे खेलने के लिए थोड़े बड़े हो गए हैं, बेचेंगे। कल का दिन उनके लिए जेब ख़र्च बनाने का दिन होता है, जिसका वह सारे साल बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। कल पूरे नीदरलैंड में फ़्री मार्केट लगेगी। कल कोई भी, कहीं भी बैठ कर अपना सामान बेच सकता है। सारे नीदरलैंड में टिकट फ़्री शो होंगे। कुछ लोगों को उनके विशेष सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। आपको पता है इस बार पहली बार प्रवासी भारतीय (सूरीनामी हिन्दुस्तानी) संस्कृति का एक विशेष नाच जिसे ‘लौंडा का नाच’ कहते हैं राजा के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। अब आपको राजा के जन्मदिन की पूरी परंपरा की जानकारी मिल गई है। आप भी इस परंपरा से एक सीख ले सकते हो। अपने जन्मदिन पर अपना वह सामान जो आप उपयोग नहीं करते, वह आप किसी ज़रूरतमंद को उपहार स्वरूप दे सकते हो। आपको मेरी यह जानकारी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताना। अगली बार मैं आपसे फिर मिलूँगी ऐसी ही नई जानकारी के साथ। तब तक आप अपना ख़याल रखना। 

तुम्हारी दीदी
डॉ. ऋतु शर्मा (नंनन पांडे) 

राजा का जन्मदिन

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता

लघुकथा

अनूदित लोक कथा

साहित्यिक आलेख

ऐतिहासिक

सांस्कृतिक आलेख

किशोर साहित्य आलेख

स्मृति लेख

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं