प्यारा तोता
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता महेन्द्र देवांगन माटी15 Apr 2020 (अंक: 154, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
तोता मेरा है अलबेला,
दिन भर गाने गाता है।
बड़े मज़े से बच्चों के सँग,
ए बी सी दुहराता है॥
कभी बैठता कंधे पर तो,
कभी शीश चढ़ जाता है।
बच्चों को वह देख देखकर,
आँखों को मटकाता है॥
लाल मिर्च है उसको प्यारी,
देख दौड़ कर आता है।
आम पपीता सेब जाम को,
बड़े चाव से खाता है॥
घूमे दिन भर घर आँगन में,
बहुत शोर मचाता है।
सुंदर प्यारा मेरा तोता,
सबका मन बहलाता है॥
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