6 बाल गीत
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता देवी नागरानी15 Feb 2016
१
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,
तू क्यों भई उदास
बन सँवर कर आज है जाना
तुझे पिया के पास
२
ऐ री बंदरिया मेरी
पूछ कहाँ है तेरी
ढूँढ उसे यूँ बाहर भीतर
नींद उड़ी है मेरी।
३
कौए काका
पास में आजा
मुन्ना खाए
रोटी आजा
४
बंदर राजा
पूँछ हिला जा
मुन्ना रोया आज बहुत है
आकर उसे हंसा जा।
५
आया आया चंदामामा
जाने क्यों कर चोरी चोरी
नील गगन से धरती पर ये
सुनने ममता की अब लोरी।
६
जीवन नैया
करले पार
है क्या जीवन
बहती धार
दुख सुख मन के
है आधार
सच का अपना
अलग निखार
ममता देवी
मेरा प्यार
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
पुस्तक समीक्षा
साहित्यिक आलेख
कहानी
अनूदित कहानी
बात-चीत
ग़ज़ल
- अब ख़ुशी की हदों के पार हूँ मैं
- उस शिकारी से ये पूछो
- चढ़ा था जो सूरज
- ज़िंदगी एक आह होती है
- ठहराव ज़िन्दगी में दुबारा नहीं मिला
- बंजर ज़मीं
- बहता रहा जो दर्द का सैलाब था न कम
- बहारों का आया है मौसम सुहाना
- भटके हैं तेरी याद में जाने कहाँ कहाँ
- या बहारों का ही ये मौसम नहीं
- यूँ उसकी बेवफाई का मुझको गिला न था
- वक्त की गहराइयों से
- वो हवा शोख पत्ते उड़ा ले गई
- वो ही चला मिटाने नामो-निशां हमारा
- ज़माने से रिश्ता बनाकर तो देखो
अनूदित कविता
पुस्तक चर्चा
बाल साहित्य कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं