बहारों का आया है मौसम सुहाना
शायरी | ग़ज़ल देवी नागरानी15 Feb 2016
बहारों का आया है मौसम सुहाना
नये साज़ पर कोई छेड़ो तराना।
ये कलियाँ, ये गुंचे ये रंग और ख़ुशबू
सदा ही महकता रहे आशियाना।
हवा का तरन्नुम बिखेरे है जादू
कोई गीत तुम भी सुनाओ पुराना।
चलो दोस्ती की नई रस्म डालें
हमें याद रखेगा सदियों जमाना।
खुशी बाँटने से बढ़ेगी ज़ियादा
नफ़े का है सौदा इसे मत गँवाना।
मैं देवी ख़ुदा से दुआ माँगती हूँ
बचाना, मुझे चश्मे-बद से बचाना।
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- बहारों का आया है मौसम सुहाना
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