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ईश कुमार गंगानिया

आपकी अलग-अलग विधाओं में अब तक दो दर्जन पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सूचनार्थ इक्‍कीस पुस्तकें हिन्दी में और तीन पुस्तकें अंग्रेज़ी में हैं। इनमें सात काव्य संग्रह, एक ग़ज़ल संग्रह ‘गर्दो-गुबार’, एक कहानी-संग्रह ‘इंट्यूशन’, एक उपन्यास ‘सर्जिकल स्‍ट्राइक’ और दो पुस्तकें देश के मूल निवासियों के अस्मिता संघर्ष पर आधारित हैं। एक पुस्तक ‘अन्ना आंदोलन: भारतीय लोकतंत्र को चुनौती’, शेष आठ पुस्तकें साहित्यिक आलोचना और समकालीन मुद्दों पर लिखे गए निबंधों का संग्रह हैं। Surgical Strike (Novel), Synthetic Eggs (Collection of Stories) and Bard’s Beloved (English Poetry) अंग्रेज़ी में प्रकाशित हैं। आपका उपन्यास ‘सर्जिकल स्‍ट्राइक’ और कहानी-संग्रह ‘इंट्यूशन‘ के हिन्‍दी संस्‍करण कुकू एफ़एम रेडियो पर प्रसारित हैं। आपका आत्‍मवृत ‘मैं और मेरा गिरेबां’ प्रकाशनाधीन हैं। प्रभात प्रकाशन द्वारा ‘सर्जिकल स्‍ट्राइक’ के हिन्‍दी और अंग्रेज़ी में दूसरे संस्‍करण का वर्तमान प्रकाशन एक सुखद एवं उल्‍लेखनीय उपलब्धि है। आपका नवां काव्य-संग्रह ‘इश्तिहार’ पाठकों को समर्पित है। 

आप अलग-अलग अवधि के लिए आलोचना की लोकप्रिय त्रैमासिक हिंदी पत्रिका ‘अपेक्षा’ के उप-संपादक, ‘आजीवक विजन’ नामक द्विभाषीक मासिक पत्रिका के संपादक और ‘अधिकार दर्पण’ के उप-संपादक रह चुके हैं। वर्तमान में स्‍वतंत्र लेखन के साथ आप त्रैमासिक हिंदी पत्रिका ‘समय संज्ञान’ के संपादक के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। 

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