ललिता श्रीवास्तव बिहार के डालमियानगर में तब पली-बढ़ीं, जब हिन्दी साहित्य में नए प्रयोग हो रहे थे। उन्होंने कविता, बालगीत, संस्मरण, लघुनाटक जैसी कई विधाओं में लिखा, किन्तु उन रचनाओं को प्रकाशित करने से हिचकिचाती रहीं। मितभाषिणी और मृदुभाषिणी ललिता हिन्दी, संस्कृत तथा अँग्रेज़ी का अध्ययन और बी.एड. करने के बाद शिक्षण के क्षेत्र से लगभग पचास वर्षों तक जुड़ी रहीं। संगीत, पाककला और बाग़वानी में भी उनकी गहरी दिलचस्पी है।
लेखक की कृतियाँ
कविता
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