2016
काव्य साहित्य | कविता योगेश कुमार ध्यानी22 Jan 2016
नये साल की
ख़ुशियों में मगन
हम सब
अंजान हैं इससे
कि जवान होती सदी का
बूढ़ा बाप "समय"
चिंता में है,
क्योंकि आतंक से
दहकती इस दुनिया में
उसकी बेटी
अब सोलह (16) की
हो गई है
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