एक छोटी सी कहानी
काव्य साहित्य | कविता अनुराधा सिंह1 Feb 2020
नन्ही सी कली खिली जो
ओस से अनजान थी
जिस डाली पर थी उसी से
बस उसकी पहचान थी
दुःख बाँटे भी तो किससे कि
ओस ने उसका रूप बिगाड़ा
फिर भँवरे ने कुछ और उजाड़ा
देनी थी सुगंध सो दे दी
पराग भी बाँटा
दो दिन की ज़िंदगी को
ना जाने कैसे काटा
साथ में थीं पत्तियाँ तने और जड़
जिन्होंने हवा पानी और धूप लेकर
पोषा तो... पर बचा न सके
नन्ही सी कली के सपनों को
अपना ना सके
कली बनी ख़ुशियाँ आयीं
फूल बनी सब मुस्काए
जब बिखर गयीं पंखुरियाँ तो
पास नहीं कोई आया
अजब कहानी है यारो
तब संग ना कोई मुस्काया
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
"पहर को “पिघलना” नहीं सिखाया तुमने
कविता | पूनम चन्द्रा ’मनु’सदियों से एक करवट ही बैठा है ... बस बर्फ…
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं
{{user_name}} {{date_added}}
{{comment}}