जा छुपते
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता संजीव ठाकुर1 Oct 2019
चोर एक न उनसे भागे
भौंक–भौंक कर कुत्ते हारे
बच्चों को तो खूब डरा दें
क्योंकि वे होते बेचारे!
गली–मुहल्ले के कुत्ते
होते हैं बीमार
सड़ी-गली चीज़ें ही हरदम
वो खाते हैं यार!
घर में पलने वाले कुत्ते
ऐयाशी करते
ए.सी. में सोते हैं
नाज़ों–नख़रों में पलते!
चोर देखकर उनकी भी
सिट्टी होती गुम
जा छुपते मालिक के पीछे
नीचे करके दुम!
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