मेरे एहसास
काव्य साहित्य | कविता रचनासिंह ’रश्मि’1 Mar 2019
मैं और मेरे
एहसास
अलसाई सी सुबह
चिड़ियों की चहचाहट
कनेर से टपकती
ओस की बूँदें
क्षितिज से झाँकती
रश्मियाँ
मखमली घास
कुनकुनी धूप
तुम साथ हाथों में हाथ
आँखों में प्रणय आमंत्रण
मिलन का इंतज़ार
पूनम की रात
बिखरी चाँदनी
सर्द हवाएँ
शरद आगमन
मैं और तुम
देह में उठती सिरहन
काँधे पर तेरे सर
हाथों में गर्म कॉफ़ी का मग
हथेलियों में गरमाहट
अधरों पे प्यास
मन में मिलन की आस
आलिंगन में समाने की चाहत
ये मेरे एहसास
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