तोहफ़ा
काव्य साहित्य | कविता आयुष कुमार शर्मा1 Feb 2021 (अंक: 174, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
महीनों बाद मिला तुझसे
तेरा ये रोष तोहफ़ा है
गिरता मैं, जो सड़कों पर
बचाता दोस्त तोहफ़ा है
सूखे खेतों में सावन की
पहली बरसात तोहफ़ा है
धूप से जलते बदन को
शीतल रात तोहफ़ा है
रहा है क़ैद, पंछी जो
खुला आसमान तोहफ़ा है
सीखा दे जो, जीना सबको
वो जीवन महान तोहफ़ा है
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