आलंबन
काव्य साहित्य | कविता शेष अमित1 Apr 2019
अँगूठे और तर्जनी के प्रेम में,
मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठा ने,
कितना त्याग और समर्पण दिया है
कभी लेखनी से पूछकर देखिये,
अर्जुन के कमान से सहेजिये,
या फिर -
श्रद्धा की वेदी पर बलिदानी,
अँगूठे के विरह -कातर,
उस तर्जनी में हेरिये।
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