बन्दर
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता भूपेंद्र कुमार दवे25 Feb 2014
एक बन्दर काला था
लम्बी पूँछ वाला था
ऊँचे झाड़ पे रहता था
मीठे फल खाता था
एक आम तोड़ लिया
चार आम गिरा दिया
हम बच्चों ने देख लिया
मिल जुलकर खा लिया।
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