हर सू हर शै में हमको वो दिखते हैं
शायरी | ग़ज़ल दिलबाग विर्क15 Mar 2015
हर सू हर शै में हमको वो दिखते हैं
जब भी दिल जुड़ते, नैन मिला करते हैं।
इश्क़ किया जाता कैसे, सुन लो यारो
कुछ तो कहते परवाने जब जलते हैं।
किसमें दम इतना कौन मुक़ाबिल तेरे
चाँद - सितारे तेरा पानी भरते हैं।
पीने वाले बदनाम हुए हैं नाहक़
वो आँखों में मैख़ाने लिए फिरते हैं।
यूँ लगता है तेरे गेसू हों जैसे
जब पगलाने वाले बादल घिरते हैं।
दर्द बँटा लेते हैं जब हम औरों का
जीवन में विर्क ख़ुशी के गुल खिलते हैं।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
पुस्तक समीक्षा
ग़ज़ल
कविता
लघुकथा
नज़्म
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं