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उस एक-मय की तलाश में हूँ

 

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जिस एक में मैं जिस एक में तू उस एक-मय की तलाश में हूँ, 
जो एक मुझ में जो एक तुझ में उस एक शय की तलाश में हूँ। 
 
न लग्न की मैं तलाश में हूँ न जुस्तजू है कोई महूरत, 
न मैं रहूँ मैं न तू रहे तू उसी समय की तलाश में हूँ। 
 
इस एक घट से उस एक घट में जड़ और चेतन कि चर-अचर में
जो एक सब में धड़क रहा, मैं उसी हृदय की तलाश में हूँ। 
 
न योनियों की मुझे है ख़्वाहिश न जन्म-जन्मों की जुस्तजू है, 
जिस एक वय में उसे समझ लूँ उस एक वय की तलाश में हूँ। 
 
न मन्द सप्तक न मध्य सप्तक न तार सप्तक तलाश मेरी, 
जिस एक लय में उसे सुनूँ मैं उस एक लय की तलाश में हूँ। 

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